यात्री न मिलने से टनकपुर रीजन को लग रही रोजाना 21 लाख की चपत
कोरोना महामारी ने परिवहन निगम की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया है।
दीपक सिंह धामी, टनकपुर :
कोरोना महामारी ने परिवहन निगम की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया है। राज्य में संक्रमण बढ़ने के बाद सरकार ने निगम की बसों का संचालन बंद कर दिया था। 72 दिन बाद बसों का संचालन भले ही शुरू हो गया हो, लेकिन यात्रियों की संख्या काफी कम होने से अकेले टनकपुर स्टेशन को प्रतिदिन 13 लाख का नुकसान हो रहा है। जबकि पूरे रीजन को 21 लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कोरोना से पूर्व टनकपुर डिपो से 120 बसों का संचालन उत्तराखंड तथा अन्य राज्यों को होता था। बसें रोजना 36 हजार किलोमीटर का सफर तय कर डिपो को 15 लाख रुपया आय देती थी। संक्रमण बढ़ने के बाद सरकार ने बसों का संचालन बंद कर दिया। नई एसओपी जारी होने के बाद 72 दिन से डिपो में खड़ी बसें अब चलनी शुरू हो गई हैं। यात्री न मिलने से टनकपुर डिपो की रोजाना की आय 15 लाख से सिमटकर दो लाख रुपये रह गई है। इस समय टनकपुर रीजन की कुल 90 प्रतिशत बसें विभिन्न रूटों पर चल रही हैं। रोडवेज के मंडलीय प्रबंधक पवन मेहरा ने बताया कि इस समय टनकपुर डिपो की बसें प्रतिदिन 20 हजार किमी का सफर तय कर रही हैं। उन्होंने बताया कि टनकपुर रीजन में पिथौरागढ़ डिपो की आय भी कोरोना से पूर्व तक प्रतिदिन आठ लाख रुपये थी जो इस समय घटकर दो लाख पहुंच गई है। इसी प्रकार लोहाघाट डिपो की आय प्रतिदिन चार लाख से घटकर दो लाख पर आ गई है। उन्होंने बताया कि नई एसओपी जारी होने के बाद टनकपुर, पिथौरागढ़ एवं लोहाघाट से 65 बसों का संचालन उत्तराखंड के अलावा दिल्ली, पंजाब, उत्तरप्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों को किया जा रहा है। बताया कि कोरोना महामारी का भय अभी भी लोगों में व्याप्त है। लोग बसों में सफर करने के बजाय प्राइवेट वाहनों से परिवार के साथ सफर करना सुरक्षित समझ रहे हैं। बताया कि पूरे रीजन को रोजाना 21 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है।