मानकों को ताक पर रख लगा दिया स्टोन क्रशर
जागरण संवाददाता चम्पावत ऑलवेदर रोड बनाने में प्रशासन किस तरह नियमों का माखौल उड़ा रहा है
जागरण संवाददाता, चम्पावत : ऑलवेदर रोड बनाने में प्रशासन किस तरह नियमों का माखौल उड़ा रहा है यह देखना है तो जनपद के चल्थी स्थित लधिया नदी में आइए। जहां ऑलवेदर रोड में कार्य कर रही कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासन ने खनन नियमों को दरकिनार कर दिया और नदी किनारे स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति जारी कर दी। क्रशर के पास ही स्कूल व अस्पताल भी स्थित है।
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑलवेदर रोड का कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है। टनकपुर व चम्पावत के बीच दो कंपनी आरजीबी व शिवालया रोड निर्माण का कार्य कर रही हैं। इस बीच आरजीबी कंपनी द्वारा धीमी गति से काम करने पर करीब सात करोड़ की पेनाल्टी लग चुकी है। यही नहीं कंपनी अवैध तरीके से भी काम करने में जुटी है। कंपनी द्वारा लगाए गए कई मोबाइल स्टोन क्रशर पर खान विभाग लाखों का जुर्माना लगा चुका है तो कई क्रशर बंद करवा दिए गए हैं। हाल ही में वन विभाग ने कंपनी द्वारा चल्थी पुल के पास लगाए स्टोन क्रशर को भी बंद करवा दिया। वन विभाग ने रिजर्व फॉरेस्ट में क्रशर लगाने का विरोध किया।
कंपनी को लाभ पहुंचाने व कार्य में प्रगति लाने के लिए इस बीच प्रशासन ने नदी में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति जारी कर दी। यह क्रशर चल्थी के लधिया नदी किनारे नदी से मात्र 20 से 30 मीटर की दूरी पर स्थित है। यहीं नहीं पास में ही चल्थी इंटर कॉलेज व आयुर्वेदिक अस्पताल भी स्थित है। मगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। खनन विभाग भी मामले में अनदेखी किए हुए है। जब इस संबंध में कंपनी व एनएच अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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दस दिन तुम्हारा एक दिन हमारा..
सूत्रों की मानें तो जनपद के एक जिम्मेदार अधिकारी ने सभी क्रशर मालिकों से यह कह दिया कि वह दस दिन तक अवैध तरीके से खुल कर माल की चोरी करें लेकिन 11वें दिन वह किसी को नहीं बख्शेंगे। इसलिए 11वें दिन से पूर्व वह अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा जरूर पहुंचा दें।
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यह है क्रशर लगाने का मानक
खनन विभाग के मानकों के अनुसार नदी से 250 मीटर की दूरी व स्कूल व अस्पताल से 150 मीटर की दूरी पर स्टोन क्रशर लगाया जा सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि मानकों की प्रशासन से अनदेखी क्यों की।
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सत्ता की हनक का दिख रहा असर
सूत्रों के अनुसार स्टोन क्रशर खटीमा के किसी व्यापारी का है। जिसको स्थानीय राजनेता का संरक्षण प्राप्त है। राजनेता की सत्ता की हनक के चलते इस क्रशर के संचालन की अनुमति दी गई। संचालक नदी से उपखनिज उठाकर क्रशर में क्रश कर उसे आगे कंपनी को भेज रहे हैं।
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कंपनी को नहीं एनएच को दी गई है एक साल की अनुमति
अपर जिलाधिकारी त्रिलोक सिंह मर्तोलिया ने बताया कि सरकारी कार्य करने के लिए खनन नियमों में छूट दीजाती है। चल्थी में नदी किनारे लगे स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति कंपनी को नहीं बल्कि एनएच को दी गई है। इसमें नदी किनारे क्रशर लगाने के मानक में छूट है। क्रशर को एक साल की अनुमति दी गई है। वह भी इस शर्त पर की वह इसका व्यवसायिक प्रयोग नहीं करेंगे।
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:::::: वर्जन
नदी किनारे किसी भी सूरत में क्रशर नहीं लगाया जा सकता। नदी से 250 मीटर व स्कूल व अस्पताल से 150 मीटर क्रशर लगाने का मानक है। यह कैसे हुए मेरी जानकारी में नहीं है। इसकी जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।
-राजपाल लेघा, खनन अधिकारी, चम्पावत