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लंबे इंतजार के बाद अस्तित्व में आएगा आरसेटी भवन

एसबीआइ ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के भवन का निर्माण कार्य अब आखिरकार शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 09:39 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 09:39 PM (IST)
लंबे इंतजार के बाद अस्तित्व में आएगा आरसेटी भवन
लंबे इंतजार के बाद अस्तित्व में आएगा आरसेटी भवन

संवाद सहयोगी, चम्पावत : एसबीआइ ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के भवन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। मैसर्स शाह इंफ्रास्ट्रक्चर कोटा राजस्थान को कार्यदायी संस्था बनाया गया है। भवन निर्माण के लिए वर्ष 2016 में जिला प्रशासन एवं राजस्व विभाग चम्पावत की ओर से जूप पटवा में भूमि का आवंटन कराया गया था।

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राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से 21 अप्रैल 2017 को पहली किश्त के रूप में एक करोड़ के सापेक्ष 50 लाख रुपये अवमुक्त किए गए थे। सीएसआर फंड अवमुक्त न होने के कारण भवन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। संस्थान द्वारा किए गए लगातार प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2020 में सीमांत विकास योजना (बीएडीपी) के तहत 182.90 लाख रुपये स्वीकृत किए गए। पहली किश्त के रूप में जिला प्रशासन ने 91.45 लाख रुपये संस्थान के भवन निर्माण खाते में अवमुक्त कर दिए। बैंक द्वारा टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन निविदाएं प्राप्त नहीं हो पाई। जिस कारण जारी निविदाएं निरस्त करनी पड़ी। चौथी बार संस्थान एवं जिला प्रशासन के सुझाव पर बैंक द्वारा ओपन टेंडरिग की गई। जिसमें मैसर्स शाह इंफ्रास्ट्रक्चर को बैंक द्वारा एल-1 कांट्रेक्टर घोषित कर वर्कआर्डर दिया गया। कंपनी ने कार्य शुरू किया तो क्षेत्रीय लोग इसका विरोध करने लगे। जिसका निस्तारण उपजिलाधिकारी के माध्यम से किया गया। इसके तहत फिर से जमीन का सीमांकन करवाया गया। पूर्व एवं वर्तमान में किए गए सीमांकन में परिवर्तन के कारण बैंक के सिविल इंजीनियर एवं आर्किटेक्ट ने भूमि का निरीक्षण किया तथा फिर से भवन निर्माण का नक्शा तैयार किया गया। संस्थान की ओर से लगातार किए गए प्रयास के बाद राजस्थान की कंपनी ने भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। वर्तमान में रिटेनिग वॉल का कार्य किया जा रहा है।

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:::: वर्जन

जल्द ही भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। भवन निर्माण का कार्य 18 माह में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। -आरपी टम्टा, निदेशक आरसेटी


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