झालाकुड़ी गांव आकर हर बार फूटा वादों का गुब्बारा, पर नहीं बनी सड़क
चम्पावत जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर झालाकुड़ी गांव की जनता सड़क सुविधा के अभाव में विकास की मुख्य धारा से कटी हुई है।
संवाद सहयोगी, चम्पावत : जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर झालाकुड़ी गांव की जनता सड़क सुविधा के अभाव में विकास की मुख्य धारा से कटी हुई है। ग्रामीण चल्थिया या फिर धूरा में मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए 10 किमी का पैदल रास्ता तय करते हैं। मरीजों को डोली के सहारे सड़क तक पहुंचाया जाता है। समय पर अस्पताल न पहुंच पाने के कारण लोगों की मौत हो जाती है। पिछले तीन साल में तीन लोगों ने समय पर उपचार न मिलने से दम तोड़ दिया।
झालाकुड़ी में 60 परिवार रहते हैं। कुल आबादी 300 के आस-पास है। आजादी के बाद से ही यहां केलोग सड़क सुविधा की मांग कर रहे हैं। सुनील आर्या उत्तराखंडी, नंदू गोस्वामी, राजेश कुमार, प्रेम राम, जीवन राम, होशियार राम आदि ने बताया कि स्थानीय विधायक, मुख्यमंत्री, डीएम, एसडीएम से यहां की जनता कई बार सड़क सुविधा की मांग कर चुकी है। लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। बताया कि 25 साल से सड़क की मांग को लेकर जनता आंदोलन कर रही है। चुनाव के वक्त जरूर वोट पाने के लिए सड़क बनाने का वादा किया जाता है, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी प्रतिनिधि सड़क की बात नहीं करता। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कोई गंभीर बीमार होता है या गिरकर घायल हो जाता है तो उसकी जान बचाना मुश्किल हो जाता है। 12 किमी दूर मुख्य सड़क चल्थिया तक पैदल डोली के सहारे पहुंचाने में काफी देर हो चुकी होती है। ========= तीन साल में तीन मरीज तोड़ चुके हैं दम
समय पर उपचार नहीं मिलने से तीन साल में झालाकुड़ी गांव के तीन लोग असमय अपनी जान गवां चुके हैं। चार दिसंबर 2019 को गंभीर रूप से बीमार लक्ष्मण राम, 24 दिसंबर 2020 को पेड़ से गिरकर घायल हुई सुनीता कुमारी, 20 जुलाई 2021 को बीमार बीना देवी ने समय से उपचार न मिलने से दम तोड़ दिया था। ========== इस बार मतदान नहीं करेंगे ग्रामीण
ग्रामीण होशियार राम, सुनील आर्या, राजेश कुमार, होशियार राम ने बताया कि इस बार विधान सभा चुनाव में गांव के लोग वोट नहीं डालेंगे। बताया कि झालाकुड़ी गांव में मतदाताओं की संख्या 125 है। उनका मतदान बूथ भी 10 किमी दूर धूरा में है। सड़क सुविधा न होने के विरोध में गांव के लोग इस बार मतपेटियां खाली भेजेंगे।
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बोले ग्रामीण झालाकुड़ी गांव के लोग आजादी के बाद से ही सड़क का सपना देख रहे हैं। जनप्रतिनिधियों ने आज तक सड़क के नाम पर वोट तो लिए हैं, लेकिन सड़क नहीं बनाई। इस बार जनता मतदान में शामिल नहीं होगी।
-सुनील आर्या, ग्रामीण ========= लोकतंत्र में मतदाता सर्वोपरि है। इस बार झालाकुड़ी की जनता सड़क की खातिर वोट नहीं करेगी। इस मांग को लेकर कई पीढि़यां स्वर्ग सिधार गई हैं। युवा पीढ़ी का सपना भी अभी तक अधूरा है।
- दिनेश राम, सरपंच ======== झालाकुड़ी गांव का दुर्भाग्य है कि यहां के लोगों को आजादी के बाद सड़क सुविधा नहीं मिली। जनता ने हमेशा प्रतिनिधि चुने, लेकिन उन्होंने उनके साथ विश्वासघात किया। अबकी बार रोड नहीं तो वोट नहीं।
- नन्दू गोस्वामी, ग्रामीण