रजस्वला केंद्र होगा अब महिला मिलन केंद्र
जागरण संवाददाता, चम्पावत : घुरचुम गांव में मासिक धर्म के समय महिलाओं को रजस्वला केंद्र में रख्
जागरण संवाददाता, चम्पावत : घुरचुम गांव में मासिक धर्म के समय महिलाओं को रजस्वला केंद्र में रखने के मामले में प्रशासन की टीम ने गांव पहुंचकर लोगों को जागरूक किया। इस रूढि़वादी परंपरा को खत्म करने की ग्रामीणों को शपथ दिलाई। बाद में ग्राम सभा ने इस प्रथा को धीरे-धीरे खत्म करने के साथ रजस्वला केंद्र का नाम बदलकर महिला मिलन केंद्र रखने का भी प्रस्ताव पास किया गया।
गौरतलब है कि बीती 14 जनवरी को जन शिकायत निवारण शिविर में जनपद के ग्राम सभा घुरचुम के गुजिला चैकपाली में सरकारी भवन को रजस्वला केंद्र बनाकर महिलाओं को मासिक धर्म के समय वहां रहने का मामला सामने आया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को डीएम रणवीर सिंह चौहान पूरी टीम के साथ गांव पहुंचे। डीएम ने ग्रामीणों व महिलाओं व जागरूक करते हुए कहा कि मासिक धर्म के साथ अन्य रूढि़यों के प्रति अपनी मानसिकता अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा। डीएम ने पुरुषों को छुआछूत, अस्पृष्यता के किसी भी कृत्य को प्रदर्शित नहीं करने तथा महिलाओं तथा समाज के निषक्त वर्ग पर अत्याचार नहीं करने की शपथ दिलाई। महिलाओं ने शपथ लेते हुए कहा कि मासिक धर्म से जुड़ी सभी बातों को अपनी बेटियों और बहुओं को खुलकर बताएंगी। महिला एवं पुरुषों ने ईश्वर को साक्षी मानकर प्रतिज्ञा ली कि न्यायपूर्ण तथा सामाजिक एकता की मिसाल कायम करते हुए भविष्य में किसी भी प्रकार के भेदभाव को सहन नहीं करेंगे। इस दौरान ग्राम सभा ने प्रस्ताव पारित कर रजस्वला केंद्र का नाम बदलकर महिला मिलन केंद्र रखा। डीएम ने कहा कि इसमें महिलाएं होली गीत, महिला संगीत समेत अन्य सामाजिक कार्य कर सकेंगी। इस दौरान एडीएम टीएस मर्तोलिया, एसडीएम सदर सीमा विश्वकर्मा, डीपीआरओ सुरेश बैनी, डीपीओ पीएस बृजवाल, बाल विकास सुपरवाइजर पुष्पा चौधरी आदि मौजूद रहे।
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डीपीआरओ करेंगे भवन की जांच
डीएम चौहान ने बताया कि ग्रामसभा ने 14 वें वित्त आयोग की धनराशि से प्रस्ताव पास कर रजस्वला केंद्र का निर्माण कराया था। भवन निर्माण में अनियमित्ता की शिकायत पर डीपीआरओ को जांच कर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जाएगी।
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प्रधान की पत्नी के कहने पर बना केंद्र
ग्राम प्रधान की पत्नी मासिक धर्म के समय घर पर ही रहती थी। जिसे देख गांव के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के घर पानी पीना तक छोड़ दिया। जब उनकी पत्नी को यह बात पता चली तो उन्होंने स्वयं घर में अलग कमरा बनाने तथा अन्य महिलाओं के लिए भी अलग कमरा बनाने की बात कही। जिसके बाद ग्राम सभा में रजस्वला केंद्र का प्रस्ताव रखा गया। जिसे ग्राम सभा में पारित कर बनवाया गया।
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एनजीओ फैलाएगी जागरूकता
डीएम रणवीर सिंह चौहान ने कहा कि मासिक धर्म के समय महिलाओं को अलग रखने, देवता नाराज होने तथा शरीर में दाने निकलने की यह कुप्रथा घुरचुम ही नहीं बल्कि पूरे जनपद में है। इस कुप्रथा को जड़ से खत्म करने तथा लोगों व महिलाओं को जागरूक करने के लिए जल्द ही एनजीओ की तैनाती की जाएगी। जल्द ही एनजीओ की तैनाती कर जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
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आदमी कहें तो खत्म कर देंगे यह प्रथा
जब डीएम व अधिकारियों ने महिलाओं से बातचीत की तो महिलाओं ने कहा कि पुरुषों के कहने पर यह प्रथा शुरू की गई। अगर पुरुष चाहेंगे तो यह प्रथा हम खत्म कर देंगे। यह सुविधा तो हमें गांव में उपलब्ध है।
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