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वन-वे टै्रफिक हटाने की मांग को लेकर गरजे लोग

लोहाघाट नगर में वन वे ट्रैफिक व्यवस्था हटाने की मांग को लेकर लोगों ने मीना बाजार में विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 09:37 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 09:37 PM (IST)
वन-वे टै्रफिक हटाने की मांग को लेकर गरजे लोग
वन-वे टै्रफिक हटाने की मांग को लेकर गरजे लोग

संवाद सहयोगी, लोहाघाट : नगर में वन वे ट्रैफिक व्यवस्था हटाने की मांग को लेकर लोगों ने मीना बाजार में विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की। विधायक से मुलाकात कर एक सप्ताह के अंदर वन वे ट्रैफिक को शीघ्र अंदर से हटाने की मांग की। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। मीनाबाजार में एकत्रित हुए लोगों ने कहा कि वन वे टै्रफिक व्यवस्था नगरवासियों में थोप दी है। जिससे व्यापारियों का व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। डीजल पेट्रोल की महंगाई के बाद वाहन चालकों को तीन से चार किमी लंबी दूरी तय करनी पड़ रही। लोगों ने कहा स्कूल टाइम में वन वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू होनी चाहिए। विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने समस्या को गंभीरता से लेते हुए समस्या का समाधान किया जाएगा। इस दौरान नवीन सिंह बोहरा, दीपक चतुर्वेदी, नरेश फत्र्याल, प्रकाश राय, अमर नाथ, नारायण शाह, कैलाश मेहता, गिरीश करायत आदि मौजूद रहे। ========= वन वे व्यवस्था को लेकर एसडीएम और विधायक के बीच ठनी

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जागरण संवाददाता, चम्पावत : एसडीएम जनता को बगैर विश्वास में लिए मनमाने तरीके से फैसला लेकर उसे जनता पर थोपे जाने से लोग परेशान है। यह अधिकारियों का गलत व्यवहार है। इससे लोगों में आक्रोश पनपने लगा है। अगर एक हफ्ते में अधिकारियों ने अपने इस रवैये में सुधार नहीं किया तो जनता इसका जवाब देगी। रविवार को भाजयुमो की बैठक में आए लोहाघाट विधायक पूरन फत्र्याल ने यह बात कही।

विधायक फत्र्याल ने कहा कि लोहाघाट एसडीएम केएन गोस्वामी वन वे यातायात व्यवस्था लागू करने के नाम पर जनता को परेशान कर रहे हैं। उन्होंने यह व्यवस्था सिर्फ अपने वाहन को जाम में न फंसने के लिए लागू किया है। इससे जनता व व्यापारी अनायास परेशान हो रही है। विधायक फत्र्याल ने कहा कि शनिवार को लोगों ने मेरा घेराव कर इस समस्या का हल निकालने की मांग की है। एसडीएम ने बगैर जनता को विश्वास में लिए यह आदेश लागू किया। वन वे व्यवस्था के तहत एक मार्ग पर स्कूल, डिग्री कालेज, अस्पताल, बैंक आदि कई चीजें है। ऐसे में अगर व्यवस्था की बात करें तो अगर एक व्यक्ति किसी को दिखाने अस्पताल आया और डाक्टर ने कोई दवा बाहर की लिख दी और वह मेडिकल स्टोर चला गया तो उसे करीब चार किमी सफर तय कर वापस आना होगा। भले ही तब तक मरीज की मौत हो जाए। एसडीएम के इस आदेश से जाम से भले ही मुक्ति नहीं मिली बल्कि जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। व्यापारियों का व्यापार चौपट हो गया है। ========= छह अक्टूबर को नगर पालिका, व्यापारी, टैक्सी यूनियन, पुलिस के साथ बैठक करने के बाद ही वन वे व्यवस्था लागू की गई है। कुछ व्यापारियों में इसमें थोड़ी राहत देने के लिए कहा है। इस पर पुलिस व नगर पालिका को संबंधित स्थान का परीक्षण कर न्यायालय में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। यह आदेश न्यायालय से हुआ है, इसलिए संशोधन भी वहीं से होगा। रिपोर्ट आने के बाद ही इसमें कार्रवाई की जाएगी। वैसे भी वन वे व्यवस्था लोगों की सुविधा के लिए किया गया है।

- केएन गोस्वामी, एसडीएम, लोहाघाट।


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