भर्ती प्रक्रिया में देरी से भड़के डीएलएड प्रशिक्षक
डायट डीएलएड संघ की आनलाइन बैठक में भर्ती प्रक्रिया में दरी पर आक्रोश जताया गया।
संवाद सहयोगी, टनकपुर : डायट डीएलएड संघ की आनलाइन बैठक में प्रदेश के सभी जिलों के पदाधिकारियों व प्रशिक्षकों ने भर्ती प्रक्रिया में देरी होने पर आक्रोश जताया। शनिवार को हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा विभाग भर्ती प्रक्रिया में जानबूझकर लेट लतीफ कर रहा है।
कहा कि प्रशिक्षित लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया को आनलाइन किए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग कर्मचारियों व संसाधनों की कमी का हवाला दे रहा है। प्रदेश अध्यक्ष पवन मुस्यूनी ने कहा कि डीएलएड के लगातार आंदोलन के बाद प्रदेश के प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए विगत तीन वर्षो से रूकी प्राथमिक शिक्षक भर्ती शुरू हो पाई, लेकिन वर्तमान में बीएड महासंघ व एनआइओएस द्वारा बार-बार विभाग को भ्रमित कर भर्ती को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। जिसका डायट डीएलएड संगठन विरोध करता है। प्रदेश प्रवक्ता जितेन्द्र नैनवाल ने कहा कि बीएड महासंघ द्वारा डीएलएड की वरीयता को चैलेंज किया है। कहा कि 18 माह के लिए सेवारत प्राइवेट स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए कराए गए डिप्लोमा धारी भी इस भर्ती में शामिल होने की तर्क विहीन बात कर रहे हैं। ऐसा होने पर प्रदेश सरकार द्वारा 70 हजार अभ्यर्थियों में से चयनित 550 प्रशिक्षितों के लिए अन्याय होगा। बैठक में उनके साथ अन्याय होने पर आदोलन की चेतावनी दी गई। बैठक में चम्पावत जिले से कनिष्क राज ठाकुर, पंकज सिंह, मनोज कलौनी, नितिन कलौनी, प्रज्ञा पाडेय, अर्पित शर्मा, विजय टम्टा, नीलकमल आदि मौजूद रहे।
========= नगर पालिका लाइसेंस शुल्क के प्रस्ताव के विरोध में उतरे व्यापारी
पिथौरागढ़: नगर क्षेत्र के व्यापारियों पर लाइसेंस शुल्क लगाने के पालिका के प्रस्ताव का विरोध शुरू हो गया है। उद्योग व्यापार मंडल ने लाइसेंस शुल्क के नाम पर किसी भी तरह के टैक्स के विरोध का निर्णय लिया है।
उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष शमशेर महर ने कहा है कि पालिका नगर में होने वाले हर प्रकार के व्यवसाय पर लाइसेंस शुल्क के नाम पर टैक्स थोपने का प्रस्ताव ला रही है। इसके लिए बकायदा विज्ञापन जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में व्यवसायी पहले ही परेशान है, लोगों का कारोबार सिमट गया है। कई व्यापारियों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में लाइसेंस शुल्क के नाम पर व्यापारियों पर टैक्स थोपना उचित नहीं है। इस फैसले को वापस लिए जाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जबरन लाइसेंस शुल्क थोपा गया तो व्यापारी उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।