धौन-स्वाला के बीच मलबा आने से डेढ़ घंटे बंद रहा एनएच
शुक्रवार को बारिश से सुबह करीब पांच बजे धौन-स्वाला के बीच मलबा आने से डेढ़ घंटे तक वाहनों की आवाजाही बंद रही।
चम्पावत, जेएनएन : जिले में शुक्रवार को भी बारिश का सिलसिला जारी रहा। सुबह चार बजे से छह बजे तक हल्की बूंदा-बांदी के बाद दोपहर में झमाझम बारिश हुई। बारिश से सुबह पांच बजे करीब धौन-स्वाला के बीच मलबा आने से डेढ़ घंटे तक वाहनों की आवाजाही ठप रही। गल्लागांव-देवलीमाफी रोड पर भी कई जगह मलबा आ गया। हालांकि बाद में मलबा हटाकर आवागमन सुचारू कर लिया गया।
पाटी में रौलमेल-मैरोली-सकदेना मोटर मार्ग बारिश के कारण बदहाल हो गया है। जिले के कई स्थानों पर बारिश के साथ घना कोहरा भी छाया रहा। मलबा आने से छतोली मल्ली, रौपा-रौखेत, बाराकोट-सिलमखेत मोटर मार्ग भी बंद हो गया है। लोनिवि द्वारा इन सड़कों को खोलने के लिए जेसीबी लगाई गई थी, लेकिन शाम के समय लगातार हुई बारिश के कारण सड़कों को नहीं खोला जा सका था। बारिश से पाटी विकासखंड के पंचायत रौलमेल मैरोली-सकदेना मोटरमार्ग बदहाल हो गया है। मोटरमार्ग में नाली न होने के कारण जगह-जगह दो से तीन फीट तक दलदल बन गया है। सड़क बदहाल होने से सकदेना, सुनटुकरा, दुबड़ कमलेख, टाक खन्दक सहित दर्जनों गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगातार हो रही बारिश से जिले के कई क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। लोहाघाट ब्लॉक के सब्जी उत्पादक गांव रायनगर चौड़ी, सुई, फोर्ती, कर्णकरायत, कोलीढेक आदि स्थानों में खेतों में पानी जमा होने से बंद गोभी सड़ने लगी है। काश्तकार रमेश चतुर्वेदी, रमेश चौबे, हरीश बगौली आदि ने बताया कि सब्जियां बर्बाद होने से उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ा है।
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लोनिवि के अधिकारियों ने ग्रामीणों की चुनौती नहीं की स्वीकार
चम्पावत : पाटी विकास खंड के ग्रामीणों ने लोनिवि के अधिकारियों को रौलमेल-मैरोली-सकदेना मोटर मार्ग पर वाहन लेकर आने की चुनौती दी थी, लेकिन अधिकारियों ने चुनौती स्वीकार नहीं की। दरअसल नालियां चोक होने से बारिश का पानी सड़क पर आने से पूरी रोड गड्ढा-गड्ढा हो चुकी है। इस रोड पर ग्रामीण वाहन नहीं चला पा रहे हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सड़क की दशा देखने के लिए वाहन से आने की चुनौती दी है और उन्हें उचित इनाम देने की भी घोषणा की है। सामाजिक कार्यकर्ता दीपक शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों ने ईनाम देने का निश्चय बरकरार रखा है। ग्रामीणों ने कहा है कि अधिकारी नहीं आ सकते तो विभागीय कर्मचारी ही वाहन से सड़क पर चलकर दिखाएं तब उन्हें सड़क की स्थिति का पता चल सकेगा।