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सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, अत्यधिक पेड़ काटे जाने के चलते चम्पावत बाइपास के लिए किया मना

सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में चम्पावत बाइपास के लिए मना किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Oct 2020 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 06:00 AM (IST)
सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, अत्यधिक पेड़ काटे जाने के चलते चम्पावत बाइपास के लिए किया मना
सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, अत्यधिक पेड़ काटे जाने के चलते चम्पावत बाइपास के लिए किया मना

चम्पावत, जेएनएन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल टनकपुर पिथौरागढ़ आलवेदर रोड के चम्पावत बाइपास निर्माण में एचपीसी ने पेंच फंसा दिया है। या यूं कहें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नामित हाई पावर कमेटी ने चम्पावत बाइपास के निर्माण पर मंजूरी नहीं दी। जबकि लोहाघाट व पिथौरागढ़ बाइपास के एलाइमेंट में चेंज करने के साथ 5.5 मीटर चौड़ी रोड बनाने की मंजूरी दी है। एचपीसी ने चम्पावत बाइपास की जगह पूर्व रोड को ही ठीक करने के निर्देश दिए हैं।

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प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट टनकपुर से पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच 150 किमी आलवेदर रोड का निर्माण कार्य वर्ष 2017 में शुरू हुआ। रोड निर्माण के लिए एनएच ने रोड को चार हिस्सों में बांटकर चार कार्यदायी कंपनी तय की। रोड निर्माण का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। 150 किमी इस मार्ग में करीब 148 किमी रोड का कार्य पूरा कर लिया गया है। चारों पैकेज में करीब दो किमी रोड का ही कार्य बचा है। जिसे एनएच ने अक्टूबर माह में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उम्मीद है कि राज्य स्थापना दिवस पर पीएम मोदी आनलाइन रोड का शुभारंभ कर सकते हैं। इसके लिए एनएच द्वारा तैयारी जोरों शोरों से चल रही है। वहीं आलवेदर रोड परियोजना में एक साल से अधर में लटके लोहाघाट व पिथौरागढ़ बाइपास को एचपीसी ने तो मंजूरी दे दी, लेकिन एचपीसी ने चम्पावत बाइपास पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नामित एचपीसी ने चम्पावत बाइपास की जगह मुख्य एनएच को ठीक करने की रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट ने एचपीसी ने लिखा कि चम्पावत में बाइपास की जरूरत नहीं है। वहीं लोहाघाट व पिथौरागढ़ में बाईपास का एलाइमेंट चेंज करने के साथ 5.5 मीटर चौड़ा रोड ही बनाने की अनुमति दी है। जिससे कम से कम पेड़ काटे जाएं। वर्तमान में आलवेदर रोड की चौड़ाई दस मीटर है। ========= यहां से बनना था बाइपास

चम्पावत में फुलारागांव से तिलौन तक करीब दस किमी, लोहाघाट में देवराड़ी बैंड से पाटन पाटनी तक 9.19 किमी और पिथौरागढ़ में एचोली से जाजरदेवल तक करीब 17 किमी बाइपास प्रस्तावित है। तीनों बाइपास के लिए प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। बाइपास में अधिक पेड़ों के कटान व ग्रामीणों के विरोध के बाद एनजीटी ने बाइपास निर्माण पर रोक लगा दी थी। ========== टनकपुर से पिथौरागढ़ के बीच आलवेदर रोड का शुभारंभ प्रशासन ने नौ नवंबर को प्रस्तावित किया है। इसके हिसाब से कार्यदायी कंपनियों को तय समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं एनजीटी ने लोहाघाट व पिथौरागढ़ बाइपास को मंजूरी देते हुए 5.5 मीटर चौड़ी रोड बनाने के साथ प्रस्ताव को मोडिफाइ करने के आदेश दिए हैं। वहीं चम्पावत बाइपास को लेकर एचीपीसी ने मना कर दिया है। एचपीसी ने पुरानी रोड को ही ठीक करने के लिए कहा है। हालांकि मोर्थ की तरफ से कोई आदेश नहीं मिला है। वहीं टीएएसपीएल कंपनी को लोहाघाट व पिथौरागढ़ बाइपास के प्रस्ताव को मोडिफाइ करने के निर्देश दिए हैं।

-एलडी मथेला, ईई, एनएच


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