संवाद सहयोगी, लोहाघाट : विकास खंड लोहाघाट के सीमात डुंगराबोरा गांव में गुलदार ने जंगल में घास काटने गई एक युवती को निवाला बना लिया। घटना के कुछ घंटे बाद युवती का क्षत विक्षत शव जंगल से बरामद किया गया। इस घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत पैदा हो गई है। लोगों ने गुलदार को आदमखोर घोषित कर उसे मारने की मांग की है।
शुक्रवार की शाम डुंगराबोरा निवासी 20 वर्षीय बसंती बोहरा पुत्री गंगा बोहरा रोज की तरह जानवरों के लिए चारा लेने घर से 100 मीटर दूर खेतों में गई थी। बताया जा रहा है कि पांच बजे करीब घात लगाए गुलदार ने उस पर हमला बोल दिया। शाम सात बजे ते युवती घर नहीं लौटी तो परिजनों को चिंता हुई। ग्रामीणों को साथ लेकर परिजन उसे खोजन के लिए गए तो जंगल के समीप उसका क्षत विक्षत शव पड़ा मिला। बताया जा रहा है कि गुलदार उसे घसीटकर जंगल की ओर ले गया। घटना की जानकारी के बाद वन दारोगा नंदा बल्लभ भट्ट के नेतृत्व में टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए लोहाघाट भेजा। जिला पंचायत उपाध्यक्ष एलएम कुंवर, क्षेत्र पंचायत सदस्य दशरथ बोहरा, चंचल बोहरा, महेंद्र सिंह बोहरा, हजारी सिंह, खीम सिंह आदि ने वन विभाग से गुलदार को आदमखोर घोषित कर उसे मारने की मांग की है। ========== वन विभाग लगाएगा पिंजड़ा
लोहाघाट : युवती को निवाला बनाने के बाद वन विभाग डुंगराबोरा गांव में पिंजड़ा लगाएगा। एसडीओ एमएम भट्ट ने बताया कि पिंजड़ा मंगा दिया गया है। शनिवार की शाम तक उसे लगा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों को वन विभाग की ओर से फौरी तौर पर एक लाख रुपये का मुआवजा दे दिया गया है। पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आने के बाद दो लाख रुपये का मुआवजा और दिया जाएगा। ========== चम्पावत जिले में दो माह में तीन लोगों को गुलदार ने बनाया निवाला
संवाद सहयोगी, चम्पावत : गुलदार द्वारा इंसानों पर हमला करने की घटनाएं चम्पावत जिले में गिनी चुनी हैं। लेकिन पिछले दो माह में उसकी सक्रियता एकाएक बढ़ गई है। अक्टूबर माह में गुलदार ने एक पखवाड़े में ही दो लोगों को अपना निवाला बना लिया। बीते शुक्रवार को युवती को निवाला बनाने की जिले की तीसरी घटना है। पांच वर्ष पूर्व गुलदार ने मडलक में एक बुजुर्ग व्यक्ति को निवाला बनाया था, जिसके बाद इस प्रकार की कोई भी घटना सामने नहीं आई थी। गुलदार द्वारा इंसानों पर हमलावर होने के बाद एक बार फिर लोगों में भय का माहौल पैदा हो गया है।
वन विभाग के एसडीओ एमएम भट्ट ने बताया कि जिले में गुलदार द्वारा अब तक मवेशियों को ही अपना निवाला बनाया जाता था, लेकिन इंसानों पर हमलावर होने की घटनाएं सुनने में नहीं आती थीं। पांच साल के अंतराल के बाद जिले में गुलदार द्वारा इंसानों पर हमला करने की घटनाएं सामने आ रही हैं। बीते अक्टूबर माह में गुलदार ने देवीधुरा रेंज और भिंगराड़ा रेंज में एक-एक व्यक्ति को अपना निवाला बनाया था। उन्होंने बताया कि गत शुक्रवार को डुंगराबोरा गांव में 20 वर्षीय युवती को मारने की तीसरी घटना है। पांच साल पूर्व गुलदार ने एक बुजुर्ग को घर जाते समय रास्ते में अपना निवाला बना लिया था। उन्होंने बताया कि ठंड के मौसम में गुलदार ऊंचाई वाले स्थानों से घाटी क्षेत्रों में प्रवास के लिए जाते हैं। इस दौरान भोजन पानी की तलाश में गुलदार आसान शिकार की तलाश में रहते हैं और इंसानों पर हमला कर देते हैं। उन्होंने बताया कि डुंगराबोरा गांव की घटना के बाद गुलदार के आदमखोर होने की संभावना ज्यादा बढ़ गई है। विभाग गांव में पिंजरा लगाकर गुलदार को कैद करने का प्रयास शुरू कर दिया है।
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