टनकपुर में आशाओं समेत महिला कामगारों का शोषण कर रही सरकार
टनकपुर में ऐक्टू व सीटू से जुड़ी आशा यूनियनें पूरे प्रदेश में 23 जुलाई से आंदोलन की बता कही है।
संवाद सहयोगी, टनकपुर : ऐक्टू व सीटू से जुड़ी आशा यूनियनें पूरे प्रदेश में 23 जुलाई से चरणबद्ध तरीके से अपनी मागों को लेकर आदोलन करेंगी। रविवार को इसकी तैयारी के लिए टनकपुर पंचायत भवन में ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की बैठक हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए ऐक्टू के प्रदेश महामंत्री केके बोरा ने कहा कि मोदी सरकार आशाओं समेत सभी महिला कामगारों का खुला शोषण कर रही है। इस सरकार ने कामगारों के अधिकारों को खत्म करने के लिए श्रम कानूनों को समाप्त कर दिया है। यह सरकार मुफ्त में जमकर काम कराने के फार्मूले पर चल रही है और सरकार ने आशाओं को बंधुवा मजदूर बना कर रख दिया है। ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री डा. कैलाश पांडेय ने कहा किए सरकार आशाओं से बहुत ज्यादा काम ले रही है, किंतु मानदेय के नाम पर कुछ भी नही दे रही है। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांगों को मानने का अनुरोध किया गया। बैठक में आशाओं को आगनबाड़ी कार्यकर्ता की तर्ज पर मानदेय दिए जाने,मानदेय न्यूनतम वेतन के बराबर दिए जाने, आशाओं को ईएसआई का स्वास्थ्य बीमा लाभ दिए जाने और इसकी तर्ज पर ही स्वास्थ्य बीमा किए जाने, सभी आशाओ को सामाजिक सुरक्षा दिए जाने, कोरोना काल का मासिक दस हजार रुपये कोरोना भत्ता दिए जाने, रिटायरमेंट पर पेंशन का प्रावधान किए जाने तथा आशाओं का शोषण बंद किए जाने की मांग प्रमुखता से रखी गई। आशा यूनियन की राज्य कार्यकारिणी सदस्य लीला ठाकुर ने बताया कि 23 जुलाई को ब्लाक मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजे जाएंगे। 30 जुलाई को जिला मुख्यालयों पर आशाएं प्रदर्शन करेंगी। इसके बाद भी अगर समाधान न हुआ तो राजधानी देहरादून में राज्य स्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा । बैठक की अध्यक्षता ब्लाक अध्यक्ष शीला मौनी ने की। इस दौरान बबीता महर, प्रमिला सिंह, मीना चंद, निर्मला महर, मंजू गड़कोटी, अनिता जोशी, मोहिनी जुकरिया, दीपा देवी, शकुंतला भंडारी, रीता उप्रेती, जानकी देवी, भुवनेश्वरी भट्ट समेत कई कार्यकर्ता मौजूद रहीं।