वेतन न मिलने पर पर्यावरण मित्रों ने शुरू किया कार्य बहिष्कार
वेतन न मिलने पर पर्यावरण मित्रों ने शुरू किया कार्य बहिष्कार।
वेतन न मिलने पर पर्यावरण मित्रों ने शुरू किया कार्य बहिष्कार
संवाद सूत्र, बनबसा : तीन माह से वेतन न मिलने से आक्रोशित पर्यावरण मित्रों ने शनिवार को कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें मानदेय नहीं मिलेगा वह तब तक धरने पर नहीं बैठेंगे। पर्यावरण मित्रों के कार्य बहिष्कार पर जाने से नगर में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है।
देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ शाखा बनबसा के पर्यावरण मित्रों ने कहा कि जनवरी, फरवरी और मार्च माह का मानदेय दिये जाने को लेकर 28 जून को अधिशासी अधिकारी को ज्ञापन देकर मानदेय न मिलने पर एक जुलाई से कार्य बहिष्कार की चेतवानी दी थी। पर्यावरण मित्रों ने कहा कि उनके द्वारा बार-बार लिखित और मौखिक रूप से नगर पंचायत प्रशासन से उनका पिछला भुगतान किये जाने की मांग होती रही है, लेकिन नगर पंचायत प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नही होने पर सभी पर्यावरण मित्र एक जुलाई से कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठ गए है। पर्यावरण मित्रों के कार्य बहिष्कार पर चले जाने से नगर में सफाई व्यवस्था चरमारा गई है। जगह - जगह कूडे़ के ढेर और नालियां चोक हो रही है। धरने पर बैठने वालों में अभिषेक, बीरपाल, अरूण वाल्मीकि, सौरभ, महेन्द्रपाल, नरेष, शानू, लक्ष्मी, कमलेश, सोनी, मिथलेश, नीलम, निखिल, धर्मपाल, धर्मवीर आदि तमाम पर्यावरण मित्रा शामिल है।
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नियुक्ति की मांग को लेकर धरने पर बैठे स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्स कर्मचारी
संवाद सहयोगी, पिथौरागढ़: नियुक्ति की मांग कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी शनिवार को अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों ने कहा है कि इस बार मांग पूरी नहीं होने तक वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। कोरोना काल में व्यवस्था संचालित करने के लिए स्वास्थ विभाग ने आउटसोर्स पर कर्मचारियों की तैनाती की थी। कोरोना के नियंत्रण में आते ही इन कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। पिछले एक वर्ष से कर्मचारी काम पर वापस लिए जाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचा चुके कर्मचारियों की समस्या का समाधान नहीं निकल रहा है। शुक्रवार को कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था और 24 घंटे में नियुक्ति नहीं दिए जाने पर बेमियादी धरने पर बैठ जाने की चेतावनी दी थी।
शनिवार को हटाए गए कर्मचारियों ने कलक्ट्रेट के समक्ष प्रदर्शन किया और टकाना रामलीला मैदान में धरना शुरू कर दिया। धरना स्थल पर कर्मचारियों ने कहा कि स्वास्थ विभाग में लगातार भर्तियां हो रही हैं, लेकिन आउटसोर्स कर्मचारियों की कोई सुध नहीं ली जा रही है। बेरोजगार कर्मचारी खासे परेशान हैं और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। कर्मचारियों को काम पर वापस लिए जाने का आश्वासन कई स्तरों से दिया जा चुका है, लेकिन यह कोरा साबित हुआ है। कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक धरना जारी रहेगा।