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चम्पावत जनपद में पहली बार नशा मुक्त भांग की होगी खेती

चम्पावत जनपद में पहली बार नशा मुक्त भांग की खेती होने जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 08:03 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 08:03 AM (IST)
चम्पावत जनपद में पहली बार नशा मुक्त भांग की होगी खेती
चम्पावत जनपद में पहली बार नशा मुक्त भांग की होगी खेती

चम्पावत, जेएनएन : जनपद में पहली बार नशा मुक्त भांग की खेती होने जा रही है। इसके लिए बकायदा आबकारी विभाग ने एक लाइसेंस जारी कर दिया है। वहीं दूसरे लाइसेंस के लिए चम्पावत के गौरव लडवाल ने अपनी गुरुग्राम स्थित टेराफिलिक इनोवेंचर्स कंपनी के तहत दो एकड़ में भांग की खेती के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। यह कंपनी खेती के साथ-साथ पाटी के रौलमेल गांव में ही भांग पर रिसर्च कर इससे कई प्रकार के उत्पाद भी बनाएगी। कंपनी ने इसके लिए विदेशियों कंपनियों से टाइअप भी कर लिया है।

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जनपद में नशामुक्त भांग की खेती के लिए लोगों में क्रेज बढ़ने लगा है। आबकारी विभाग ने नरेंद्र मेहरा को भांग की खेती के लिए लाइसेंस जारी कर दिया है। दूसरा लाइसेंस भी जल्द जारी होने वाला है। इसके लिए चम्पावत निवासी गौरव लडवाल ने आवेदन किया है। गुरुग्राम की टेराफिलिक इनोवेंचर्स कंपनी निदेशक गौरव लडवाल ने बताया कि पाटी ब्लाक के रौलमेल गांव में नशामुक्त गांव हेम्प की खेती के लिए कंपनी ने दो एकड़ जमीन 25 साल के लिए लीज पर ली है। लाइसेंस की प्रक्रिया गतिमान है। कंपनी के प्रवक्ता आशीष बैनेर्जी पिछले 40 सालों से खाद्य एंव औद्योगिक क्षेत्र में काम कर 50 देशों में 2000 से ज्यादा मैनुफेक्चरिग प्लांट लगा चुके हैं। बेनर्जी ने बताया कि गांव में खेती के लाइसेंस के साथ एक करीब चार करोड़ की लागत की अंतरराष्ट्रीय स्तर की आरएंडडी लैब एवं मैनुफेक्चरिग फेसीलिटी भी बनाई जाएगी। नशामुक्त भांग से सीवीडी आयल, हेम्प पेपर, हेम्प प्लास्टिम, हेम्प फाइबर, हेम्प प्रोटीन व हेम्प ब्रिक बनाई जाएगी। कंपनी में गौरव लडवाल के साथ शुभम सौरभ, निखित कांत, आरीक सेन गुप्ता भी सहयोग कर रहे हैं। लडवाल ने बताया कि खेती के लिए बीज फ्रांस की कंपनी हेम्प इट से आयात किया जाएगा। फसल कटने से पहले भी नशे की मात्रा के लिए सरकारी लैब में जांच की जाएगी। कंपनी द्वारा हेम्प से तैयार उत्पाद को कनाडा, यूरोप, जिम्बांबे एवं ऑस्ट्रेलिया स्थित अपनी सहभागी कंपनियों को निर्यात किया जाएगा। कंपनी आने वाले दो सालों में 250 लोगों को रोजगार देने के साथ 50 एकड़ में नशामुक्त भांग की खेती करेगी। ========= नशामुक्त भांग से बनेंगे यह उत्पाद गौरव ने बताया कि भांग से बनने वाले सीबीडी आयल का प्रयोग साबून, शैंपू व दवाइयां बनाने में किया जाएगा। हेम्प से निकलने वाले सेलूलोज से कागज बनाने में होगा। हेम्प प्लास्टिक तैयार होगी। जो बायोडिग्रेबल होगी। वह समय के साथ मिट्टी में घुल जाएगी। फाइबर से कपड़े बनाए जाएंगे। प्रोटीन बेबी फूड बाडी बिल्डिंग में प्रयोग होगा तो ब्रिक वातावरण को शुद्ध करेगा। यह कार्बन को खिंचता है। जिससे वातावरण में कार्बन की मात्रा कम होगी। यह समय के साथ कार्बन खींचकर ब्रिक को और सख्त करेगी।


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