अंतिम संस्कार को नहीं मिल रहे लकड़ी
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : रामेश्वर श्मसान घाट के टाल में लकड़ी न होने से शवों के अंतिम सं
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : रामेश्वर श्मसान घाट के टाल में लकड़ी न होने से शवों के अंतिम संस्कार में परेशानी उठानी पड़ रही है। लकड़ी के अभाव में लोग या तो टायरों से शवों को जला रहे हैं या फिर उन्हें अधजला छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। वन निगम द्वारा टाल में लकड़ी उपलब्ध न कराए जाने से लोगों में गहरा आक्रोश पैदा हो गया है।
रामेश्वर श्मसान घाट में प्रति माह दर्जनों शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया जाता है। यहां चम्पावत के साथ पिथौरागढ़ जनपद से भी बड़ी संख्या में शव दाह के लिए पहुंचते हैं। यहां स्थित एक मात्र टाल में पिछले कई दिनों से या तो लकड़ी ही नहीं है या फिर वह कच्ची है। दाह के लिए लोग सूखी लकड़ी का चयन करते हैं, पर विभाग द्वारा टाल में कच्ची लकड़ी भी उतार दी जाती है। पिछले एक सप्ताह से तो लकड़ी का अकाल पड़ा हुआ है। दूरस्त स्थानों से आने वाले लोग शव दाह के लिए लकड़ी नहीं लाते हैं जिससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। न चाहते हुए भी लोग शव को अधजला छोड़ने के लिए मजबूर हो गए है, जिससे नदी के साथ पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है। सोमवार को बाराकोट के खोला सुनार, पम्दा,गंगोलीहाट व पिथौरागढ़ से शव दाह के लिए पहुंचे लोगों को भी लकड़ी के अभाव में परेशानी उठानी पड़ी। सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद वर्मा, सुनील वर्मा, प्रकाश चंद्र, जगदीश चंद्र राकेश आदि ने बताया कि उन्होंने ग्रामीणों से लकड़ी खरीदकर शव दाह किया। लोगों ने वन निगम से टाल में शीघ्र लकड़ी उपलब्ध कराने की मांग की है ताकि शवों का अच्छी तरह अंतिम संस्कार किया जा सके। वही निगम के कर्मचारियों का कहना है एक दो दिन में व्यवस्था कर ली जाएगी।