चम्पावत बन गया अपनी छत का कर्जदार
जागरण संवाददाता, चम्पावत : चम्पावत नगर में गृहकर को लेकर पालिका का सुस्ती और लोगों के असह
जागरण संवाददाता, चम्पावत : चम्पावत नगर में गृहकर को लेकर पालिका का सुस्ती और लोगों के असहयोग के चलते चम्पावत जिला अपने ही छत का कर्जदार बनता जा रहा है। लोगों का लाखों का कर्ज नगर पालिका पर हो चुका है, लेकिन नगर पालिका ने न तो नोटिस जारी किया है और न ही गृहकर की वसूली कर सकी है।
नगर पालिका में मौजूदा समय में नौ वार्ड आते हैं। जिनमें बसे करदाता करीब 2600 हैं। शहर का दस वर्ग किमी का दायरा नगर पालिका के अंतर्गत आता है। चम्पावत के 2600 घर नगर पालिका की सीमा में आते हैं। मगर अब तक इन मुटठी भर कर्जदारों से अब तक पिछला बकाया नहीं वसूला जा सका। कारण एक तरफ तो लोगों की बेरुखी रही तो वहीं पालिका ने भी कोई खास रूख नहीं अपनाया। ऐसे में लोगों की ढिलाई बढ़ती गई और इस वक्त नगर पालिका पर कर्ज बढ़ता चला गया। इस समय चम्पावत के लोग लाखों के गृहकर के कर्जदार बन चुके हैं। -------------------
15 लाख का है बकाया
चम्पावत : नगर पालिका के अंतर्गत आवासीय भवनों पर पिछले साल से अब तक 15 लाख का कर्ज हो चुका है, लेकिन अब तक कर्ज जमा नहीं हो सका है। ------------------
प्रतिष्ठानों का आठ लाख बकाया चम्पावत : शहर में प्रतिष्ठान भी पालिका के कर्जदार बन चुके हैं। यहां साढ़े 600 दुकानें पालिका में दर्ज है और इनका करीब सात से आठ लाख तक का बकाया है, लेकिन अब तक नहीं वसूला जा सका है। ------------------
पहले पिछला गृहकर वसूला जाएगा। अगर कोई भी पालिका अंतर्गत गृहकर समय रहते जमा नहीं करता है तो कार्रवाई की जाएगी। = अभिनव कुमार, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका