लोकल से वोकल के लिए करें मिट्टी के दीयों का उपयोग
नशा हटाओ-जीवन बचाओ के संयोजक सामश्रवा आर्य ने दीपावली में पटाखों का उपयोग न करने को अभियान चलाया।
संवाद सहयोगी, चम्पावत : नशा हटाओ-जीवन बचाओ अभियान के संयोजक सामश्रवा आर्य ने दीपावली में पटाखों का उपयोग न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पटाखों से ध्वनि और वायु प्रदूषण दोनों होते हैं। उन्होंने लोगों से अपने घरों को मिट्टी के दीयों से रोशन करने की अपील की है।
सोमवार को ज्ञानी सेरान में जागरूकता अभियान के तहत उन्होंने कहा कि मिट्टी के दीया पंचतत्व का प्रतीक है। इनका उपयोग करने से घर में शुद्धता तो रहती ही है इससे कुम्हारों को भी रोजगार मिलता है। मिट्टी के दीयों का उपयोग कर हम लोकल से वोकल को भी बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने नशे के खिलाफ भी आगे आने की अपील की। मुख्य अतिथि डा. स्वामी गुरुकुलानंद कच्चाहारी ने भी पटाखों के उपयोग से होने वाले नुकसान की जानकारी दी। कहा कि प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में पूजा स्थल पर मिट्टी से बने दीयों में दीपक जलाने का प्रचलन है। उन्होंने मांसाहार का सेवन न करने और समाज में आपसी सद्भाव बनाने पर जोर दिया। इस मौके पर शेखर कलखुड़िया, किरन पंत, भुवन चंद्र पंगरिया, पुष्कर शर्मा,मोहन चंद्र, निखिल, कृतिका, आयुष, संध्या, खुशी, शरण्या, वाणी, उत्कर्ष, हर्षित, मान्या, अंजलि, इंदु, अक्षित, कंचन, नेहा, आदित्य, कमलदीप, एकता, शिक्षा, संस्कृति और नीता मौजूद रहीं।