वाराही धाम में श्रावण शुक्ल द्वादशी को बावन वीरों का हुआ आह्वान
विश्व प्रसिद्ध मां वाराही धाम देवीधुरा के एतिहासिक खोलीखाड़ दुबाचौड़ मैदान में वीराचार पूजन हर्षोल्लास के साथ किया गया।
लोहाघाट, जेएनएन : विश्व प्रसिद्ध मां वाराही धाम देवीधुरा के एतिहासिक खोलीखाड़ दुबाचौड़ मैदान में प्राचीन काल से चली आ रही वीराचार पूजन परम्परा को चार खाम सात तोक के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को शारीरिक दूरी बना कर हर्षोल्लास के साथ पूजा अर्चना संपन्न कराई गई।
वीराचार पूजन पूर्व वषरें की भाति इस वर्ष भी पूर्ण विधि-विधान के साथ खोलीखाड़ दुबाचौड़ की परिक्रमा के साथ शुरू हुआ। पीठाचार्य भुवन चंद्र जोशी ने मंत्रोच्चारण के साथ वीरों का आह्वान किया। पुजारी बचीदत्त, विशन दत्त ने विधि विधान के साथ पूजा अर्चना संपन्न कराई। मा वाराही धाम में दिगम्बरा शक्ति पीठ की गुफ ा जिसे लोक प्रचलित भाषा में गव्योरी के नाम से जाना जाता है। प्रवेश द्वार में स्थित कलुवा बेताल संग चौसठ योगिनी और बावन वीरों का आह्वान किया गया। इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते चार खाम के मुखियाओं गहरवाल खाम के त्रिलोक सिंह बिष्ट, वालिक खाम के बद्री सिंह बिष्ट, लमगडिया खाम के वीरेंद्र सिंह लमगडिया, चम्याल खाम के गंगा सिंह चम्याल, प्रधान पुजारी धर्मानंद पांडेय, प्रधान सेवक चतुर सिंह मंदिर कमेटी अध्यक्ष खीम सिंह, मीडिया प्रभारी दीपक सिंह बिष्ट पूजा में बैठे। इस दौरान लक्ष्मण सिंह लमगडिया, विनोद गडकोटी, रोशन सिंह, जगदीश सिंगवाल, मदन सिंह, नारायण सिंह, हयात सिंह, जीत सिंह चम्याल, रमेश राणा, विशन चम्याल, ईश्वर बिष्ट, नवीन राणा राजू बिष्ट, दिनेश चम्याल, मोहन बिष्ट, दीपक चम्याल, राम सिंह अधिकारी,अमित लमगडिया, तारा चम्याल आदि मौजूद रहे।