टनकपुर में नहर निर्माण की गति धीमी होने पर लोगों में गुस्सा
टनकपुर में भारत-नेपाल सीमा पर नहर निर्माण का काम धीमी गति से चलने पर लोगों में गुस्सा।
जागरण टीम, टनकपुर/चम्पावत/लोहाघाट : भारत-नेपाल सीमा पर नहर निर्माण का धीमी गति से चल रहा है। अब तक मात्र 45 हजार घन मीटर आरबीएम ही उपयोग हो पाया है।
कार्यदायी संस्था ने टनकपुर वन निगम से साढ़े तीन लाख घन मीटर आरबीएम की माग की थी।
इसके लिए अलग से वन निगम ने काटा भी खनन क्षेत्र में लगाया गया है। एनएचपीसी के प्रबंधक निदेशक अभय कुमार आठ दिसंबर को नहर निर्माण का शुभारंभ करने आए थे। उन्होंने कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान देने व तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए थे। पूर्व में भी यह कार्य बहुत धीमी गति से चला था। निदेशक कुमार ने कार्यदायी संस्था की फटकार भी लगाई थी। पिछले वर्ष 23 अक्टूबर से निर्माण शुरू हो गया था। दस माह से नहीं मिला मानदेय
चम्पावत : लाकडाउन शुरू होने के बाद से ही जिले के स्वजल कर्मचारियों को मानदेय नहीं मिल पाया है। कर्मचारियों ने तीन माह पूर्व 15 दिन तक धरना-प्रदर्शन किया था। बताया कि दस माह से मानदेय न मिलने पर आर्थिक स्थिति खराब है। शनिवार देर शाम कर्मचारियों ने बैठक कर शीघ्र मानदेय न मिलने पर फिर से आंदोलन की रणनीति बनाई। भगवती प्रसाद ओझा, किशोर सिंह, श्रवण कुमार ओझा, हरीश हरड़िया, सुरेश जोशी आदि ने बताया कि फरवरी तक मानदेय न मिला तो भूख हड़ताल करेंगे। इस संबंध में एक शिष्टमंडल शीघ्र जिलाधिकारी से भी मुलाकात करेगा। पेंशनरों की समस्याओं को लेकर हुआ मंथन
लोहाघाट : उत्त्तराखंड गर्वनमेंट पेंशनर्स वैलफेयर आर्गेनाइजेशन की जिला इकाई की शुक्रवार को बैठक का आयोजन किया। जिसमें पेंशनर्स की समस्याओं पर विचार मंथन किया।
संगठन प्रदेश महामंत्री बची सिंह रावत ने आयुष्मान भारत कैशलेस योजना में पेंशनर्स व कर्मचारियों अधिकारियों का मासिक अंशदान एक समान करने, 1 जनवरी 2016 से 31 अक्टूबर 2018 तक संशोधित पेंशन एरियर की प्रथम किस्त का भुगतान करने मांग की। संगठन जिलाध्यक्ष हयात सिंह तड़ागी ने कहा कि 21 जनवरी को जिला मुख्यालय में सांकेतिक धरना प्रदर्शन के साथ विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर ज्ञापन भेजा जाएगा।