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चम्पावत में 60 फीसद सूखे प्राकृतिक जल स्रोत

चम्पावत में गर्मी का सीजन आते ही प्राकृतिक जल स्रोत सूखने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 11:04 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 11:04 PM (IST)
चम्पावत में 60 फीसद सूखे प्राकृतिक जल स्रोत
चम्पावत में 60 फीसद सूखे प्राकृतिक जल स्रोत

संवाद सहयोगी, चम्पावत : गर्मी का सीजन आते ही प्राकृतिक जल स्रोत सूखने लगे हैं। जिला मुख्यालय के लिए बनी योजनाओं के स्रोतों में 40 से 60 फीसद की गिरावट आ गई है। यही हाल लोहाघाट, पाटी और बाराकोट के लिए बनी योजनाओं का है। जल संस्थान ने जिला मुख्यालय में टैंकरों से पानी बांटना शुरू कर दिया है, लेकिन इससे लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। देवीधुरा, पाटी, बाराकोट में भी टैंकरों से पानी बांटने की मांग शुरू हो गई है।

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इस बार पर्याप्त बारिश न होने का असर दिखने लगा है। जिले के 40 फीसद जल स्रोतों में पानी का स्तर 50 प्रतिशत तक कम हो गया है। चम्पावत और लोहाघाट नगरों में नलों से मिल रहे पानी से लोगों की दैनिक जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। एक सप्ताह से चम्पावत नगर में पानी का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। एक दिन पूर्व जिला अस्पताल में भी पानी का संकट खड़ा हो गया। जिसके चलते जल संस्थान ने टैंकर से पानी की आपूर्ति की। जल स्रोतों से पानी न मिलने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भी तीन दिन बाद पानी की आपूर्ति हो रही है। जल संस्थान के ईई बिलाल यूनुस ने बताया कि चम्पावत नगर को रोजाना 13.50 लाख लीटर पानी की जरूरत है, लेकिन उपलब्धता मात्र 4.50 लाख लीटर ही है। बताया कि सबसे अधिक समस्या लोहाघाट नगर में है यहां पांच पेयजल योजनाएं होने के बाद भी इतना पानी नहीं मिल रहा है, जिससे दैनिक आपूर्ति की जा सके। चम्पावत नग के लिए बनी रौखेत, छीड़ापानीए सहित सभी छह जल स्त्रोतों में पानी की मात्रा में 40 से 60 फीसद तक की कमी हो गई है। इधर जल संस्थान के अपर सहायक अभियंता परमानंद पुनेठा ने बताया कि नगर में एक दिन छोड़कर नलों से पानी दिए जाने का निर्णय लिया गया है। बुधवार को मांदली, माजगांव, भैरवा, जीआईसी रोड, कनल गांव, मल्ली हाट, स्टेट बैंक क्षेत्र, गोरलचौड़ क्षेत्र में पानी दिया गया। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में पेयजल की आपूर्ति टैंकर के जरिये की गई।

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वर्जन-

पर्याप्त बारिश न होने के कारण इस बार प्राकृतिक जल स्रोतों का स्तर फरवरी के दूसरे पखवाड़े से ही कम होने लगा था। जिले में 40 फीसद पेयजल योजनाओं के स्रोत का पानी 50 प्रतिशत तक कम हो गया है। जहां ज्यादा समस्या है। वहां टैंकरों से पानी बांटने की व्यवस्था की जा रही है। लोगों से अपील है कि गर्मी के दिनों में पानी की बचत करें, ताकि समस्या से बचा जा सके।

-बिलाल युनूस, ईई जल संस्थान चम्पावत


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