श्रमदान कर साफ किया टैंक, जल संस्थान को दिखाया आइना
कपीरी पट्टी के ग्रामीणों ने श्रमदान करके बिडोली गांव में स्थित पेयजल टैंक में जमा मलबे को साफ किया।
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : कपीरी पट्टी के ग्रामीणों ने श्रमदान करके बिडोली गांव में स्थित पेयजल टैंक में जमा मलबे को साफ किया। कुछ दिनों पहले भूस्खलन की चपेट में आए टैंक में मलबा भर गया था। जिससे ग्रामीणों के घरों में दूषित पेयजल की आपूर्ति हो रही थी। जल संस्थान के अधिकारियों से इसकी शिकायत की गई, लेकिन जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो ग्रामीणों ने स्वयं ही श्रमदान करने का निर्णय लिया।
शनिवार को पूर्व सैनिक देवेन्द्र सिंह कंडवाल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने श्रमदान कर टैंक की सफाई का कार्य आरंभ किया। छह किमी लंबी बिडोली पेयजल योजना के अंतर्गत बिडोली गांव में निर्मित किए गए पेयजल टैंक से कपीरी पट्टी के बिडोली, धारडुंग्री, खोला, माखोली व नाकोट गांव के तकरीबन दो सौ परिवारों को पेयजल आपूर्ति की जाती है। लेकिन, बीते एक अगस्त से पेयजल लाइन में दूषित पानी की आपूर्ति हो रही थी। ग्रामीण बिरेन्द्र सिंह, नरेंद्र सिंह, गोविंद सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में निर्मित पेयजल टैंक की ग्रामीणों की सामूहिक पहल से पहली बार सफाई की गई। टैंक से बाल्टी व अन्य उपकरणों से मिट्टी बाहर निकाली गई। नाराज ग्रामीणों ने कहना है कि यदि शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई तो न्यायालय में याचिका दायर की जाएगी।
इस संबंध में जलसंस्थान के अवर अभियंता मनमोहन सिंह राणा ने बताया कि पेयजल योजना के पाइप भूस्खलन में बह गए थे। ऐसे में वैकल्पिक व्यवस्था कर पानी टैंक तक पहुंचाया गया। लगातार बारिश से मिट्टी युक्त पानी टैंक तक पहुंच रहा है। जिसकी सफाई को कर्मचारी व श्रमिक भेजे गए थे। लेकिन, ग्रामीणों ने स्वयं श्रमदान कर सफाई करने की बात कही।
जलजनित रोग की चपेट में आ रहे ग्रामीण: विकासखंड कर्णप्रयाग के चूला गांव में दूषित पेयजल पीने से बीते मई में कई ग्रामीण और बच्चे भी जलजनित रोगों से पीड़ित हो गए थे। चार बुजुर्ग और कुछ बच्चे बुखार से पीड़ित थे। जिनका स्वास्थ्य विभाग ने उपचार किया। वहीं, एक नौ वर्षीय बालिका की मौत हो गई थी। जिस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर ग्रामीणों को पानी उबाल कर पीने की सलाह दी थी। बावजूद जलसंस्थान ने ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति को लेकर कोई कार्यवाई नहीं की। क्षेत्र में बरसात के मौसम में दूषित पेयजल की आपूर्ति हो रही है।