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बर्फ और पाले में फिसल रहे पर्यटक वाहन, दुर्घटना का डर

संवाद सहयोगी गोपेश्वर औली में बर्फबारी के बाद स्कीइंग प्रशिक्षण शुरू होते ही देश के कई

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 06:14 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 06:14 PM (IST)
बर्फ  और पाले में फिसल रहे पर्यटक वाहन, दुर्घटना का डर
बर्फ और पाले में फिसल रहे पर्यटक वाहन, दुर्घटना का डर

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: औली में बर्फबारी के बाद स्कीइंग प्रशिक्षण शुरू होते ही देश के कई क्षेत्रों से प्रशिक्षणार्थी व पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। औली तक पर्यटकों की आवाजाही के लिए प्रशासन की बेरुखी सामने आई है। औली से तीन किमी पहले कवाण बैंड से आगे वाहन नहीं चल पा रहे हैं। यात्रियों की बेहतर व्यवस्थाओं के दावे करने वाले लोक निर्माण विभाग ने यहां पर बर्फ हटाने के लिए जेसीबी तक नहीं लगाई है। ऐसे में पैदल चलने के दौरान भी कई पर्यटक फिसलकर चोटिल हो रहे हैं।

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औली को देश में ही नहीं पूरे विश्व में हिमक्रीड़ा स्थल के रूप में माना जाता है। यहां पर बर्फबारी के बाद नेशनल व इंटरनेशनल गेम्स भी आयोजित होते हैं। शीतकाल के दौरान जब यहां पर बर्फ गिरती है तो भारत तिब्बत सीमा पुलिस के अलावा कई अन्य संस्थान यहां पर स्कीइंग के प्रशिक्षण देते हैं। इस समय औली बर्फ से लबालब है। यहां की दक्षिणमुखी स्लोप पर स्कीइंग के दीवाने स्की करने के लिए पहुंच रहे हैं। औली में विटर सेफ गेम्स में हिस्सा लेने वाली टीम का ट्रायल भी चल रहा है। मगर यहां पहुंच रहे खिलाड़ी, प्रशिक्षणार्थी, पर्यटक व स्थानीय लोग प्रशासन की असुविधाओं से खिन्न हैं। दरअसल औली से तीन किमी पहले कवाण बैंड से आगे बर्फ व भारी मात्रा में पाला जमा होने के कारण जोशीमठ औली सड़क पर वाहन रपट रहे हैं। अगर लोक निर्माण विभाग इस सड़क से बर्फ हटाता तो वाहन सीधे औली तक भी पहुंच सकते हैं। परंतु हर साल की तरह इस बार भी लोक निर्माण विभाग बर्फ पिघलाने के लिए नमक, चूने का ही प्रयोग कर रहा है। इससे सड़क पर जमी बर्फ व पाले पर कोई ज्यादा असर नहीं हो रहा है। लिहाजा पर्यटकों को अपने वाहन कवाण बैंड में ही रोककर यहां से पैदल ही औली की दौड़ लगानी पड़ रही है। खास बात यह है कि पैदल चलने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बर्फ में फिसलकर पर्यटक समेत स्थानीय लोग कई बार चोटिल हो चुके हैं। स्थानीय निवासी कमलनयन सिलोड़ी का कहना है कि जोशीमठ औली सड़क पर न तो जेसीबी है और न ही पर्यटकों की सुरक्षा के कोई अन्य इंतजाम। इससे देश दुनिया में गलत संदेश भी जा रहा है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता प्रवीण बहुखंडी का कहना है कि बर्फ पिघलाने के लिए चूना, नमक का इस्तेमाल किया जा रहा है।


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