पांडवों की स्वर्गारोहिणी यात्रा के दौरान भीम ने बनाया था ये पुल, जानिए
विशालकाय भीम पुल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पुल को देखने के लिए उत्साहित यात्री दूर-दूर से यहां पहुंच रहे हैं।
बदरीनाथ, [जगजीत मेहता]: बदरीनाथ की यात्रा पर यात्रियों की भीड़ के साथ ही आसपास के धार्मिक पौराणिक स्थलों में भी रौनक लौट आई है। सरस्वती नदी पर बना भीम पुल लोगों को आश्चर्यचकित कर रहा है। माणा से बसुधारा ट्रैक पर सड़क मार्ग से एक किमी दूरी पर सरस्वती नदी में शिला से बने भीम पुल को लेकर मान्यता है कि पांडवों के स्वर्गारोहिणी यात्रा के दौरान भीम ने इस विशालकाय पत्थर को सरस्वती नदी पर रखकर पुल का निर्माण किया था।
भीम पुल भारी शिला से निर्मित ऐसा सुरक्षित पुल है, जो आज भी सैकड़ों लोगों की आवाजाही का साधन है। भीम पुल के पत्थर में पांच अंगुलियों के निशान भी दिखते हैं। मान्यता है कि भीम ने अपने हाथों से इस पत्थर को जब उठाकर रखा, तो तब यह निशान पत्थर पर पड़ गए थे। भीम पुल को लेकर यात्री खासे उत्साहित हैं। इस शिला के ऊपर सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने पैराफिट बाउंड्री बनाई है ताकि कोई नदी में न गिरे। अब तक 50 हजार से अधिक लोग भीम पुल सहित अन्य तीर्थ स्थलों को देखने आ चुके हैं।
देश के अंतिम गांव माणा में भी लगी भीड़
देश के अंतिम गांव माणा में भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। श्रद्धालु व्यास गुफा, मुचकुंद गुफा और गणेश गुफा के भी दर्शन कर रहे हैं। व्यास गुफा वह गुफा है, जहां पर वेदव्यास ने पुराणों की रचना की थी। गणेश गुफा में गणेश जी ने व्यास जी के कहने पर पुराणों को लिखा था।
बसुधारा भी पहुंच रहे यात्री
माणा से पांच किमी दूरी पर बसुधारा भी धार्मिक स्थल है। मान्यता है कि इसके बहते जल के छींटे मात्र से मनुष्य के पाप हर जाते हैं। 500 मीटर से अधिक ऊंचाई से गिरने वाली जल धारा दूर तक लोगों पर पानी के छींटे बरसाती है।
यह भी पढें: इस पत्थर से जुड़ी है भगवान नारायण की ये अद्भुत कहानी, जानिए
यह भी पढ़ें: गुप्ता बंधुओं के दान से बदरीनाथ के गर्भगृह की छत पर चढ़ेगी सोने की परत
यह भी पढ़ें: सिर्फ चार दिन में केदारनाथ में प्रसाद से हुर्इ नोटों की बरसात