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बदरी-केदार की पूजा को कर्नाटक में उगाया जाएगा चंदन वन

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति कर्नाटक में चंदन वन उगाने की तैयारी में है। इस पर आने वाला संपूर्ण खर्चा उद्योगपति मुकेश अंबानी उठाएंगे।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 10:07 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 10:07 AM (IST)
बदरी-केदार की पूजा को कर्नाटक में उगाया जाएगा चंदन वन
बदरी-केदार की पूजा को कर्नाटक में उगाया जाएगा चंदन वन

गोपेश्वर, देवेंद्र रावत। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति कर्नाटक में चंदन वन उगाने की तैयारी में है। यह कदम बदरी-केदार समेत समिति के अधीन आने वाले मंदिरों में पूजा के लिए प्रयोग होने वाले चंदन की किल्लत को देखते हुए उठाया जा रहा है। इसके लिए समिति की टीम 17 नवंबर के बाद कर्नाटक जाएगी। खास बात यह है कि चंदन के इस वन की देख-रेख का जिम्मा भी मंदिर समिति का ही होगा। हालांकि, इस पर आने वाला संपूर्ण खर्चा उद्योगपति मुकेश अंबानी उठाएंगे। 

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प्रतिवर्ष बदरीनाथ धाम में दो क्विंटल और केदारनाथ धाम में आधा क्विंटल चंदन की खपत होती है। इसकी खरीद कर्नाटक वन विभाग के माध्यम से की जाती है। बताया जा रहा कि बीते वर्षों से कर्नाटक वन विभाग को भी कतिपय कारणों से चंदन की पर्याप्त सप्लाई नहीं मिल रही। इसलिए बीते वर्ष पतंजलि योगपीठ से इसकी भरपाई करनी पड़ी। 

इसी परेशानी को देखते हुए उद्योगपति मुकेश अंबानी के परिवार ने मंदिर समिति को कर्नाटक में चंदन वन के लिए भूमि खरीदने, इस वन के रखरखाव और अन्य खर्चों के लिए दान में देने की हामी भरी। मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह बताते हैं कि अंबानी परिवार भूमि क्रय करने के लिए लगातार समिति से संपर्क बनाए हुए है। उनकी टीम ने भी चंदन वन उगाने के लिए कर्नाटक में कई स्थानों पर भूमि देखी है। 

बताया कि चंदन वन तैयार करने और उसकी देखरेख पर आने पर समस्त खर्चा अंबानी परिवार वहन करेगा। मंदिर समिति अपनी नाप भूमि में चंदन के पेड़ उगाकर वन नियमों के अनुसार पूजा उपयोग के लिए उन्हें बदरी-केदार धाम लाएगी। 

मंदिर समिति के सीईओ ने बताया कि इससे प्रति वर्ष पूजा का चंदन क्रय करने के लिए टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाओं से नहीं गुजरना पड़ेगा। वहीं, जरूरत के हिसाब से मंदिर समिति खुद चंदन की सप्लाई मंगा सकती है। 

बताया कि चंदन वन के लिए कर्नाटक में विंध्याचल मोगांबी देवी तीर्थ स्थल के पास भूमि देखी गई है। यहां पर मौसम अनुकूल होने के कारण चंदन के पेड़ों की ग्रोथ बेहतर है। इतना ही नहीं, यहां पर कुछ निजी लोगों की ओर से अपनी जमीन में पहले से ही चंदन की खेती की जा रही है।

25 एकड़ भूमि में महकेगा चंदन

17 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद सीईओ बीडी सिंह के नेतृत्व में मंदिर समिति के अधिकारी और अंबानी परिवार के लोग चंदन वन के लिए जमीन क्रय करने कर्नाटक जाएंगे। मंदिर समिति की योजना है कि 25 एकड़ से अधिक भूमि खरीदकर उसमें चंदन की खेती की जाए। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भूमि देखी गई है, जिसे मंदिर समिति को अंतिम रूप देना है।

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हर सुबह होता है भगवान का चंदन श्रृंगार

बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के अलावा पंच केदार, पंच बदरी और समिति के अधीनस्थ अन्य मंदिरों में हर साल सवा क्विंटल चंदन चढ़ता है। इसकी व्यवस्था स्वयं मंदिर समिति करती है। बदरीनाथ और केदारनाथ में हर रोज सुबह भगवान को स्नान के बाद चंदन का लेप लगता है। अगले दिन पुराने चंदन को उतार कर उसे श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित कर दिया जाता है।

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