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बर्फ हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग अब भी चूना और नमक पर ही निर्भर

लोक निर्माण विभाग ने सड़कों से बर्फ हटाने के लिए 70 जेसीवी मशीनें लगाई गई हैं लेकिन बर्फ हटाने के लिए विभाग अब भी चूना और नमक पर ही निर्भर है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 10:28 AM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 01:20 PM (IST)
बर्फ हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग अब भी चूना और नमक पर ही निर्भर
बर्फ हटाने के लिए लोक निर्माण विभाग अब भी चूना और नमक पर ही निर्भर

चमोली, जेएनएन। उत्तराखंड में भारी बर्फबारी का सबसे अधिक असर सड़कों पर ही हुआ है। प्रदेश में बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और पिथौरागढ़ हाईवे के अलावा 40 से ज्यादा सड़कों पर आवागमन बंद है। हालांकि लोक निर्माण विभाग ने सड़कों से बर्फ हटाने के लिए 70 जेसीवी मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन बर्फ हटाने के लिए विभाग अब भी चूना और नमक पर ही निर्भर है। ज्यादातर स्थानों पर चूना और नमक डालकर बर्फ पिघलाई जा रही है। 

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लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड गोपेश्वर के अधिशासी अभियंता धन सिंह रावत ने बताया कि अकेले चमोली जिले में ही बदरीनाथ हाईवे समेत 21 सड़कें बंद हैं। उन्होंने बताया कि हाईवे पर जेसीवी मशीनों की मदद से बर्फ हटाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हर सड़क पर जेसीवी मशीन भेजना संभव नहीं है। इसीलिए पारंपरिक तरीके से चूना और नमक डालने के बाद श्रमिक बर्फ हटा रहे हैं। रावत के अनुसार उत्तराखंड के पास मात्र दो ही स्नो ब्लोअर हैं। इनमें से एक गढ़वाल और एक कुमाऊं मंडल में है। इस मशीन की कीमत करीब 20 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि एक स्नो ब्लोअर को हर जगह भेजना संभव नहीं है।

चमोली जिले में बर्फबारी से बंद सड़कें

ऋषिकेश बदरीनाथ हाइवे पैनी व जोशीमठ से आगे, मंडल चोपता मोटर मार्ग मंडल से आगे, कर्णप््रयाग गैरसैंण, जोशीमठ मलारी, गौचर सिदोली, कर्णप्रयाग नौटी पैठाणी, सुनाली भटियाणा, सोनला कंडारा मैखुरा, घाट सुतोल, घाट बांजबगड़, सिमली चूलाकोट, देवाल मुंदोली, बगोली कोटी, लोहाजंग वाण, भरारीसैंण दिवालीखाल, जोशीमठ परसारी, औली जोशीमठ, पोखरी देबखाल, कोठियालसैंण सावरीसैंण आदि।

बर्फबारी के बीच 10 किमी तक फंसे रहे वाहन

गैरसैंण-कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग से बर्फ हटाने में एनएच कर्मचारियों को दिनभर पसीना बहाना पड़ा। शनिवार शाम तक मोटर मार्ग पर वाहनों का संचालन शुरू नहीं हो सका था। वहीं कर्णप्रयाग-गैरसैंण के मालसी, कालीमाटी से जंगलचट्टी में 10 किमी तक दर्जनों वाहन बर्फ के बीच फंसे हैं। इसके चलते चालकों को परेशानी ङोलनी पड़ रही है।

एसओ गैरसैंण रविंद्र कुमार और एसडीएम वैभव गुप्ता ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर शुक्रवार को ही कर्णप्रयाग से गैरसैंण जाने वाले वाहनों को रोकने के निर्देश दिए जा चुके थे। लेकिन, गैरसैंण से कर्णप्रयाग की ओर आने वाले वाहन एक ओर फंस जाने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि बर्फ हटाने के लिए एनएच ने पांच जेसीबी मशीनें लगाई हैं। लेकिन, 10 किमी मार्ग पर जमी बर्फ को हटाने में कर्मचारियों के पसीने छूटे रहे हैं। 

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एसओ ने बताया कि कर्णप्रयाग-गैरसैंण मोटर मार्ग पर वाहनों का जमघट न हो, इसके लिए बर्फबारी प्रभावित स्थानों से पहले गैरसैंण बाजार और आदिबदरी में वाहनों को रोका जा रहा है। वहीं आवश्यक कार्य के लिए जाने वाले लोग पैदल ही बर्फ पार कर रहे हैं। वहीं राजमार्ग न खुल पाने से शुक्रवार और शनिवार को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई नहीं हो सकी। दूध, सब्जी और राशन सहित हल्द्वानी से पहुंचने वाली रसोई गैस के कई वाहन भी बर्फबारी के चलते जाम में फंसे हैं। जबकि, दैनिक समाचार पत्र भी गैरसैंण क्षेत्र में नहीं पहुंच सके हैं।

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