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फर्जी वाहन नंबर के मामले में पुलिस ने कसा शिकंजा

एक ही नंबर के दो टैंपो ट्रैवल्स पकड़े जाने के मामले में पुलिस ने परिवहन विभाग को वाहनों की टेक्निकल जांच के लिए पत्र लिखा है। परिवहन विभाग के टेक्निकल अधिकारी आरआइ जांच कर यह साफ करेंगे कि किस वाहन में फर्जी रूप से इंजन व चेसिस नंबर लगाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jun 2022 09:59 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jun 2022 09:59 PM (IST)
फर्जी वाहन नंबर के मामले में पुलिस ने कसा शिकंजा
फर्जी वाहन नंबर के मामले में पुलिस ने कसा शिकंजा

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: एक ही नंबर के दो टैंपो ट्रैवल्स पकड़े जाने के मामले में पुलिस ने परिवहन विभाग को वाहनों की टेक्निकल जांच के लिए पत्र लिखा है। परिवहन विभाग के टेक्निकल अधिकारी आरआइ जांच कर यह साफ करेंगे कि किस वाहन में फर्जी रूप से इंजन व चेसिस नंबर लगाया गया है। पुलिस ने गिरफ्तार चालक राकेश कुमार को भी न्यायालय के आदेश से जिला कारागार भेज दिया है। उधर, बदरीनाथ थाने के उपनिरीक्षक राजीव उनियाल के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम संदिग्धों की तलाश में हरिद्वार गई है, जो वहां से पंजाब भी जाएगी और वाहन स्वामी की तलाश करेगी। पुलिस फर्जी नंबर के आधार पर चल रहे वाहनों के रैकेट का पर्दाफाश करने में जुटी है।

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बदरीनाथ धाम में पुलिस ने दो टैंपो टै्रवल्स एक ही नंबर के पकड़े थे। ये वाहन पंजाब में पंजीकृत थे तथा हरिद्वार से उत्तराखंड की चारधाम यात्रा में संचालित हो रहे थे। पुलिस को मामले में डग्गामार वाहनों के संचालन के बड़े गिरोह का अंदेशा है। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि यह वाहन उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि हिमाचल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी सरपट दौड़ते रहे हैं। पुलिस को यह भी अंदेशा है कि एक वाहन चोरी का भी हो सकता है। वाहन के इंजन व चेसिस नंबर एक ही होने से इस फर्जीवाड़े की गुत्थी उलझ गई है। पुलिस को वाहन के असली नंबर की तलाश के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।

पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि पुलिस ने परिवहन विभाग को पत्र लिखकर इंजन और चेसिस नंबर की जांच के लिए आरआइ टेक्निकल को बुलाया है। बदरीनाथ थाने की पुलिस टीम अन्य संदिग्धों की तलाश में हरिद्वार रवाना हो गई है। पुलिस के निशाने पर एक ट्रैवल्स कंपनी संचालक है, जो इसे चारधाम यात्रा में प्रयोग कर रहा था। हरिद्वार में जांच के बाद पुलिस टीम पंजाब भी जाएगी ताकि मामले में नामजद वाहन स्वामी चरणजीत सिंह को पकड़ा जा सके। घटना के सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि यात्रा के दौरान वाहनों की कमी के चलते डग्गामार वाहनों की चांदी है। इन पर रोक लगाने में परिवहन विभाग नाकाम रहा है। डग्गामार वाहन बिना किसी रोकटोक के जिस प्रकार यात्रा में सरपट दौड़ रहे है, उससे यात्रियों के जीवन से भी खिलवाड़ हो रहा है। साथ ही सरकार को हजारों रुपये के राजस्व का भी चूना लग रहा है।

चमोली के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ज्योति शंकर मिश्र का कहना है कि दोनों वाहनों के चेसिस व इंजन नंबर एक होना गंभीर मामला है। यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है। परिवहन विभाग तत्काल इसकी टेक्निकल जांच कर यह साफ कर देगा कि किस वाहन का नंबर सही है व किस वाहन पर गलत नंबर लगाया है।


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