चमोली जिले में खानापूर्ति साबित हो रही कोविड जांच
राज्य में कोविड संक्रमितों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि चमोली जिले में अभी कोविड संक्रमितों का आंकड़ा शून्य है लेकिन जिस प्रकार देश-विदेश से पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं उससे जिले में कोविड के फिर से पैर पसारने की संभावना बनी हुई है। कोविड नियंत्रण को लेकर बैरियर पर की जा रही चेकिंग भी खानापूर्ति साबित हो रही है।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर : राज्य में कोविड संक्रमितों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि, चमोली जिले में अभी कोविड संक्रमितों का आंकड़ा शून्य है, लेकिन जिस प्रकार देश-विदेश से पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं, उससे जिले में कोविड के फिर से पैर पसारने की संभावना बनी हुई है। कोविड नियंत्रण को लेकर बैरियर पर की जा रही चेकिंग भी खानापूर्ति साबित हो रही है। पर्यटक यहां पर कोविड जांच कराने के बजाए सीधे पर्यटन स्थलों में पहुंच रहे हैं।
चमोली स्थित देवाल के पर्यटन स्थलों में हाल ही में सैर करने आए दो पर्यटकों के कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आई। इसके बाद भी प्रशासन व स्वास्थ्य महकमा कोविड संक्रमण को लेकर चुप्पी साधे हुए है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग मान रहा है कि ये अन्य राज्यों के पर्यटक हैं। लिहाजा इनकी गिनती चमोली जिले के कोविड संक्रमितों में नहीं की जा रही है। वर्तमान में चमोली जिले के पर्यटन स्थल बर्फबारी से आच्छादित हैं। ऐसे में देश-विदेश के पर्यटकों का यहां तांता लगा हुआ है। जिले के पर्यटन स्थलों में पहुंचने वाले पर्यटकों की कोविड जांच के लिए गौचर व ग्वालदम में बैरियर भी लगाया गया है। यहां पर कोविड जांच अनिवार्य की गई है। मगर, पर्यटक जांच करने के बजाए सीधे पर्यटन स्थलों तक पहुंच रहे हैं। ऐसे में स्पष्ट होता है कि बैरियर पर जांच ठीक से नहीं हो रही है। स्वास्थ्य विभाग भी सिर्फ कोविड मरीजों का उपचार करने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहा है। ऐसे में चमोलीवासियों को कोविड की संभावित तीसरी लहर की चिता भी सता रही है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. उमा रावत ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति कोविड पाजिटिव पाया जाता है तो उसे अस्पताल में भर्ती करने के लिए विभाग के पास पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं।