अतिवृष्टि से पालछुनी गांव के आधा दर्जन भवन खतरे की जद में
नारायणबगड़ विकासखंड के पालछुनी गांव में बीते दिनों अतिवृष्टि व भूस्खलन की जद में आए पांच से अधिक परिवारों को पंचायत भवन व परिचित के आवासीय भवनों में शरण लेनी पड़ रही है। प्रशासन को समस्या बताने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है।
संवाद सूत्र, नारायणबगड़ : नारायणबगड़ विकासखंड के पालछुनी गांव में बीते दिनों अतिवृष्टि व भूस्खलन की जद में आए पांच से अधिक परिवारों को पंचायत भवन व परिचित के आवासीय भवनों में शरण लेनी पड़ रही है। प्रशासन को समस्या बताने के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है।
प्रधान पालछुनी रेनू देवी ने बताया कि बीते लंबे समय से नारायणबगड़ के पालछुनी गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए बिजोरीगाड़ से पालछुनी तक 2 किमी सड़क कटिग का कार्य गतिमान है। कार्यदायी संस्था की ओर से सड़क कटिंग में विस्फोट का प्रयोग करने से कुछ आवासीय भवनों पर दरारें पड़ गई थी। गत दिनों अतिवृष्टि के बाद हुए भूस्खलन से शिशुपाल लाल, जशोदा देवी, पुष्कर लाल, मंगीलाल के मकानों में दरारें आने से आधा दर्जन परिवारों के सामने रहने की समस्या बनी है। फिलहाल शिशुपाल लाल का परिवार पंचायतघर में किसी तरह रह रहा है, लेकिन अन्य भवन स्वामियों को अपने परिचितों के यहां रात गुजारनी पड़ रही है। ग्राम प्रधान ने बताया वर्तमान में 200 की आबादी का यह गांव भूस्खलन व सड़क कटिग कार्य के चलते खतरे की जद में है। इस संबंध में पीएमजीएसवाई सहित स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन कोई सुध नहीं ली गई। इससे निराश होकर प्रभावित परिवारों ने थराली विधायक मुन्नी देवी शाह को पत्र भेजा है।
वहीं, विधायक मुन्नीदेवी शाह का कहना है कि अतिवृष्टि से प्रभावित पालछुनी के आधा दर्जन परिवारों को त्वरित मदद के लिए प्रशासन को कहा गया है। साथ ही शासन स्तर से जो भी मदद जरूरी होगी, दी जाएगी।