बर्फ की सफेद चादर से ढ़की नीती मलारी घाटी
भारत-तिब्बत-चीन सीमा से लगी नीती मलारी घाटी मंगलवार को बर्फ की सफेद चादर से ढ़क गई। लगातार हो रही बर्फबारी के बाद बाम्पा सहित आसपास के गांवों में चार इंच से अधिक बर्फ जम गई है। बर्फबारी के बाद नीती मलारी घाटी की सुंदरता देखते ही बन रही है।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: भारत-तिब्बत-चीन सीमा से लगी नीती मलारी घाटी मंगलवार को बर्फ की सफेद चादर से ढ़क गई। लगातार हो रही बर्फबारी के बाद बाम्पा सहित आसपास के गांवों में चार इंच से अधिक बर्फ जम गई है। बर्फबारी के बाद नीती मलारी घाटी की सुंदरता देखते ही बन रही है। उधर, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में भी बर्फबारी हुई। बदरीनाथ धाम पहुंचे यात्री चोटियों पर जमी बर्फ को अपने कैमरों में कैद कर यात्रा को यादगार बना रहे हैं। इधर, बर्फबारी से पहाड़ के निचले क्षेत्रों में भी सर्दी बढ़ गई है।
चमोली जिले की नीती मलारी घाटी भारत-तिब्बत-चीन सीमा से लगी हुई है। ग्रीष्मकाल के दौरान भोटिया जनजाति के लोग नीती मलारी घाटी के नीती, बाम्पा, फरकिया, कैलाशपुर, गुरगुटी, गमशाली समेत दर्जनभर से अधिक गांवों में प्रवास करते हैं। जबकि शीतकाल के दौरान वह निचले इलाकों में लौट जाते हैं। सीमावर्ती गांवों में बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ने से अधिकतर लोग निचले इलाकों में लौट आए हैं। नीती मलारी घाटी के नीती, गमशाली व बाम्पा गांवों में बर्फबारी के बाद चार इंच बर्फ जम गई है, जबकि चोटियों पर एक फीट से अधिक बर्फ जमी है। बाम्पा गांव के पूर्व प्रधान धर्मेंद्र सिंह पाल ने बताया कि घाटी में आए दिन दोपहर बाद बर्फबारी हो रही है। उन्होंने कहा कि बर्फबारी के बाद इस घाटी की सुंदरता देखते बन रही है।
इधर, श्री बदरीनाथ धाम में दोपहर बाद मौसम बदलने के साथ ही चोटियों पर बर्फबारी हुई। ठंड को देखते हुए यात्री व स्थानीय निवासी अलाव या फिर गर्म कपड़ों का सहारा लेने लगे हैं।