Move to Jagran APP

हेमकुंड की यात्रा में बर्फ के रास्तों का उठाइए रोमांच

हेमकुंड यात्रा पर बड़ी तादाद में यात्री आ रहे हैं। यात्रियों को खासकर हमेकुंड का तीन किमी बर्फ से भरे रास्ते का रोमांच खूब भा रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 30 May 2018 03:26 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 05:11 PM (IST)
हेमकुंड की यात्रा में बर्फ के रास्तों का उठाइए रोमांच
हेमकुंड की यात्रा में बर्फ के रास्तों का उठाइए रोमांच

गोपेश्वर, [जेएनएन]: श्री हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर की यात्रा को लेकर यात्रियों में जबरदस्त उत्साह है। विशेषकर अटलाकोटी से हेमकुंड तक बर्फ के बीच से तीन किमी का सफर उन्हें खासा रोमांचित कर रहा है। यात्रा ने आपदा प्रभावित भ्यूंडार घाटी की रौनक भी लौटा दी है। 

loksabha election banner

25 मई को कपाट खुलने के बाद से अब तक 11 हजार यात्री हेमकुंड साहिब दर्शनों को पहुंच चुके हैं। यात्रियों में सबसे बड़ा रोमांच बर्फ के बीच से गुजरने को लेकर है। असल में अटलाकोटी से हेमकुंड साहिब तक तीन किमी पैदल मार्ग अब भी दोनों ओर बर्फ से लकदक है, जिसके बीच से गुजरना यात्रा को अविस्मरणीय बना रहा है। 

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य प्रबंधक सेवा सिंह का कहना है कि देश-विदेश से यात्रा को लेकर लगातार जानकारी मांगी जा रही है। यात्रियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। इसके लिए गोविंदघाट, घांघरिया व हेमकुंड में निश्शुल्क लंगर लगे हैं। 

भ्यूंडार घाटी में लौटी रौनक 

आपदा प्रभावित भ्यूंडार घाटी में इस बार लोगों को यात्रा से खासी उम्मीद है। जून 2013 की आपदा में भ्यूंडार व पुलना गांव में भारी तबाही हुई थी। इन गांवों की आर्थिकी पूरी तरह हेमकुंड यात्रा पर ही टिकी हुई है। ऐसे में इस बार की यात्रा से उन्हें बड़ी उम्मीद है। स्थानीय निवासी भवान सिंह चौहान कहते हैं कि मौसम ने साथ दिया तो इस बार की यात्रा नई उम्मीद जगाने वाली होगी।  

एक जून से खुलेगी फूलों की घाटी 

विश्व धरोहर फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के अधिकारी-कर्मचारी इन दिनों घाटी के लिए पैदल मार्ग पर व्यवस्थाएं बनाने में जुटे हैं। पैदल मार्ग को फूलों की घाटी तक खोल दिया गया है। अब पर्यटकों को इंतजार है एक जून का। 

यह भी पढ़ें: कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए 300 यात्री वेटिंग में

यह भी पढ़ें: इस पर्वत पर स्थापित है यह मंदिर, नहीं जुड़ पाया पर्यटन सर्किट से

यह भी पढ़ें: केदारनाथ में कड़ाके की सर्दी से यात्रियों को बचाएगा इलेक्ट्रिक कंबल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.