सड़कें बंद होने से एक दर्जन गांवों में खाद्यान्न संकट
पिंडरघाटी के मोटर मार्गों पर बारिश के बाद आए मलबे से आमजन जीवन प्रभावित हैं।
सड़कें बंद होने से एक दर्जन गांवों में खाद्यान्न संकट
संवाद सूत्र, नारायणबगड़: पिंडरघाटी में वर्षा थमने के बाद भी हालात नहीं सुधर पा रहे हैं। हाल यह है कि परखाल-रैंस चोपता मोटर मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर मलबा जमा होने से एक दर्जन से अधिक गांवों में खाद्यान्न संकट पैदा हो गया है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन एक पखवाड़े बाद भी सड़कें नहीं खोली जा सकी है, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।
ग्राम प्रधान चोपता एडवोकेट पृथ्वी सिंह नेगी ने बताया कि पीएमजीएसवाई के तहत निर्मित नारायणबगड़-परखाल रैंस चोपता मोटर मार्ग 12 दिनों से भंगोटा गदेरे पर पूर्ण रूप से बंद है, जिससे भंगोटा, कुश, रैस, चोपता, बेथरा, लोदला कफारतीर, सोल्टा, खैतोली, चिरखून, कोट, भटियाणा, सहित कई गांवों में जरूरी सामान नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे ग्रामीणों के समक्ष खाने-पीने की चीजों का संकट पैदा हो गया है। यही नहीं, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य के लिए 15 से 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ी रही है।
ग्राम प्रधान मृत्युंजय परिहार, मोहन सिंह नेगी, यशपाल सिंह रावत और मनमोहन सिंह के अनुसार वर्ष 2020-21 में 18 करोड़ रुपये से इस मोटर मार्ग पर सुधारीकरण का कार्य किया, जिस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने विरोध भी किया था। तब विभागीय अधिकारियों ने कमियों को सुधारने की बात कही थी, लेकिन कोई काम नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि जगह-जगह रोड कटिंग का मलबा ग्रामीणों की कृषि भूमि के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, जिससे एक दर्जन से अधिक गांवों में गम्भीर संकट उत्पन्न हो गया है।
अवर अभियंता पीएमजीएसवाइ अरूण कनवासी के अनुसार मोटर मार्ग को खोले जाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पहाड़ी से लगातार मलबा और बोल्डर आने के कारण परेशानी हो रही है। इसी तरह ग्वालदम-नंदकेसरी मोटर मार्ग के किमी 8 से देवसारी मोटर सड़क पर मोटर पुलों के निर्माण में हो रही लेटलतीफी से पिछले एक माह से इस सड़क पर भी यातायात बाधित है। ग्रामीण पैदल आवाजाही कर रहे हैं, जिससे उनमें विभाग के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने विधायक से सड़क जल्द खुलवाने की मांग उठाई है।