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वनों में आग लगाने वालों पर होगी एफआइआर दर्ज

जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने क्लक्ट्रेट सभागार में जिलास्तरीय वनाग्नि समिति की बैठक ली।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 06:53 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 06:53 PM (IST)
वनों में आग लगाने वालों पर होगी एफआइआर दर्ज
वनों में आग लगाने वालों पर होगी एफआइआर दर्ज

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने क्लक्ट्रेट सभागार में जिलास्तरीय वनाग्नि सुरक्षा अनुश्रवण समिति की बैठक लेते हुए वन विभाग को जंगल में आग की रोकथाम को समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने वनों में आग लगाने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कार्रवाई भी सुनिश्चित करने को कहा।

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जिलाधिकारी ने कहा कि जंगल में आग की ज्यादातर घटनाएं मानव जनित हैं, जिन्हें रोकने के लिए वन पंचायत स्तर पर गठित समितियों, महिला, युवक मंगल दलों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। उन्होंने जंगल में आग की घटनाएं रोकने के लिए फायर सीजन से पहले ग्राम समितियों को सक्रिय करने, संवेदनशील और अति संवेदनशील क्षेत्रों में पिरूल घास को साफ कर फायर लाइन बनाने, फायर सीजन में पर्याप्त संख्या में फायर वाचर एवं ग्राम प्रहरी की तैनाती सुनिश्चित करने, विद्यालयों व न्याय पंचायत स्तर पर ग्रामीणों को जागरूक करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारियों को दिए।

कहा कि वर्ष 2019 में जंगल में आग की 46 घटनाएं तथा वर्ष 2020 में लॉकडॉउन के कारण मात्र छह घटनाएं हुई। इससे साफ जाहिर है कि आग की अधिकतर घटनाएं मानवजनित हैं। कहा कि कोई भी व्यक्ति, महिला व युवक मंगल दल जो वनों की आग बुझाने व जागरूकता कार्यक्रमों में अच्छा सहयोग करते हैं, उन्हें चिह्नित कर पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। फायर सीजन में जिस ग्राम पंचायत में जंगल में आग की एक भी घटना नहीं होगी, उन ग्राम पंचायतों को भी पुरस्कृत करें।

वन क्षेत्राधिकारियों को फायर सीजन के लिए जरूरी सामान व उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा। इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता मुरारी लाल, बलवंत सिंह बिष्ट, दरवान सिंह आदि ने वनाग्नि की रोकथाम के लिए अपने सुझाव भी समिति के समक्ष रखे। बद्रीनाथ वन प्रभाग के उप वन संरक्षक आशुतोष सिंह ने बताया कि चमोली जनपद में 506094.473 हेक्टेयर वन क्षेत्र है। इसमें से 78539.87 हेक्टेयर संवेदनशील जबकि 77479.28 हेक्टेयर वन क्षेत्र अति संवेदनशील है। कहा कि फायर सीजन में सरफेस फायर, ग्राउंड फायर तथा क्राउन फायर से वनों को अत्याधिक नुकसान होता है। जिले में अधिक वन क्षेत्र, वनों का दुर्गम क्षेत्रों में स्थित होने एवं मानव संसाधनों के अभाव के कारण आग की घटनाएं रोकने में व्यावहारिक कठिनाएं रहती हैं। आग की घटनाओं की रोकथाम के लिए 103 क्रू स्टेशन की स्थापना की गई है, जिसमें फायर वाचरों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने वन प्रभागों के पास उपलब्ध संशाधनों एवं उपकरणों की जानकारी देते हुए सभी विभागों से अपने अधीनस्थों को जंगल में आग की घटनाओं के प्रति जन जागरूकता एवं अग्नि शमन में वन कर्मियों को सहयोग करने की अपील की।


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