किसानों की फसल सूखने की कगार पर
गौचर : बीते दो माह से बारिश न होने से आसमान की ओर टकटकी लगाए किसानों की उम्मीदें अब
गौचर : बीते दो माह से बारिश न होने से आसमान की ओर टकटकी लगाए किसानों की उम्मीदें अब टूटने लगी है। वहीं क्षतिग्रस्त सिंचाई नहरों की मरम्मत न होने से किसान बोई फसल को सूखते हुए देखने को विवश है। वहीं समय पर खाद का वितरण न होने से उनकी गेहूं व सरसों की फसल बढ़वार रुक गई है। जिससे कृषकों में जिम्मेदार विभाग के प्रति नाराजगी बनी है।
जनपद में सर्वाधिक राजस्व देने वाली बमोथ की अतिउपजाऊ जमीन में बोई गई गेहूं व सरसों की फसल सूखने के कगार पर है। ग्राम प्रधान प्रकाश रावत, क्षेत्र समिति सदस्य प्रदीप लखेड़ा ने कहा कि विभागीय निष्क्रियता के चलते उनकी गेहूं व सरसों की फसल बर्बाद हो रही है। लेकिन सिंचाई विभाग छह माह से बंद नहर पर आपूर्ति सुचारू नहीं कर पाया है। वहीं बहुउद्देश्यीय सहकारी समिति बमोथ से मिलने वाली उर्वरा भी कृषकों को आज तक नहीं मिल पाई है। कृषि रक्षा समिति पदाधिकारियों प्रदीप नेगी, त्रिभुवन रावत, रघुनाथ ठाकुर आदि ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने की सरकार की मंशा पर विभागीय अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। (संसू)