महंगाई और बेरोजगारी पर गरजे वाम संगठन
देश में लगातार बढ़ रही महंगाई बेरोजगारी समेत अन्य जनमुददों को लेकर अंादेालन करेंगे।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: देश में लगातार बढ़ रही महंगाई, बेरोजगारी समेत अन्य जनमुददों को लेकर किसान सभा व सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। इन कार्यकत्र्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेजा।
कार्यकत्र्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार की उदारवादी व जनविरोधी नीतियों के चलते महंगाई चरम पर होने के कारण देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। जीडीपी में सबसे अधिक गिरावट भारत में हुई है। बेरोजगारी बढ़ने के कारण गरीब तबका व मजदूर वर्ग पहले से बदतर हाल में है। सार्वजनिक क्षेत्रों को निजी हाथों में सौंपे जाने से देश बर्बादी के कगार पर खड़ा है। मांग की गई कि महंगाई रोकने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाया जाए। बेरोजगारी को रोकने के लिए रोजगार पैदा किए जाएं। स्थाई काम में स्थाई नियुक्तियां दी जाएं। स्वास्थ्य, सेवा, पोषण, शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं के निजीकरण प्रस्ताव वापस लिए जाएं। मजदूरों को न्यूनतम वेतन का भुगतान प्रति माह किया जाए। आंगनबाड़ी, आशा कार्यकत्र्ताओं व भोजनमाताओं को नियमित किया जाए। रद किए गए वन कानूनों की पुनर्बहाली हो। मनरेगा में बजट आवंटन बढ़ाते हुए 200 दिन का काम व 600 रुपये मजदूरी दी जाए। कृषि व किसान विरोधी तीनों कानून अविलंब वापस लिए जाएं। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की बिक्री पर रोक लगे। कर्मचारियों के जबरन सेवानिवृत्ति के आदेश को वापस लिया जाए तथा कामगारों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा कवच बनाया जाए। धरना-प्रदर्शन में मनमोहन रौतेला, ज्ञानेंद्र खंतवाल, मदनमोहन मिश्रा, भूपाल सिंह रावत शामिल थे।
नई टिहरी: गुरुवार को ट्रेड यूनियन से जुड़े श्रमिक कलक्ट्रेट में एकत्रित हुए और नारेबाजी कर धरने पर बैठ गए। ट्रेड यूनियन का कहना है कि सरकार उनकी सलाह को दरकिनार कर बड़े उद्योगपतियों के पक्ष में श्रम कानूनों को बदल रही है। एक ओर कोविड-19 महामारी से दिक्कतें बढ़ रही है वहीं सरकार श्रमिकों और किसानों के कानूनों को बिना चर्चा सुझावों के श्रमिक वर्ग पर थोप रही है। उन्होंने मांग की है कि श्रमकों के विरोध में जो कानून में बदलाव किए गए हैं उन्हें तत्काल वापस लिया जाए। धरना देने वालों में ट्रेड यूनियन समिति के संयोजक जयप्रकाश पांडेय, सीआइटीयू के जिला सचिव चितामणी थपलियाल, नित्यानंद बहुगुणा, ओंकार सिंह नेगी, बसंती नेगी, प्रदीप रावत, आशीष आदि शामिल थे।
कर्णप्रयाग: उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन ने ट्रेड यूनियनों एवं कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर हड़ताल का समर्थन करते हुए इस आशय का ज्ञापन निदेशक प्राथमिक शिक्षा को प्रेषित किया। ज्ञापन में अनिता, रजनी, देवेश्वरी, सुनीता, उर्मिला आदि के हस्ताक्षर हैं।
रुद्रप्रयाग: तयशुदा कार्यक्रम के तहत सीटू से संबंद्ध विभिन्न यूनियनों के सदस्य संगम बाजार में एकत्रित हुए, जिसके बाद संगम बाजार से मुख्य बाजार होते हुए बस अड्डे तक जोरदार रैली निकाली। आंगनबाड़ी यूनियन की जिलाध्यक्ष सुनीता भट्ट की अध्यक्षता में एक सभा का आयोजन भी किया गया। सीटू के जिला महामंत्री बीरेंद्र गोस्वामी समेत तमाम वक्ताओं ने निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की। सभा को किसान नेता भरत सिंह भंडारी, सुनीता भट्ट, नरेन्द्र रावत, फगण सिंह पंवार, भोजनमात कामगर यूनियन की बीना देवी, सुमन पंवार ने भी संबोधित किया।