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आपदा के एक माह बाद भी 133 स्वजनों को अपनों की तलाश

शनिवार को ऋषिगंगा में आई आपदा को एक माह पूरे हो गए लेकिन प्रभावितों के जख्मों पर मरहम नहीं लगाया जा सका है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 10:23 PM (IST)Updated: Sat, 06 Mar 2021 10:23 PM (IST)
आपदा के एक माह बाद भी 133 स्वजनों को अपनों की तलाश
आपदा के एक माह बाद भी 133 स्वजनों को अपनों की तलाश

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: शनिवार को ऋषिगंगा में आई आपदा को एक माह पूरे हो गए, लेकिन प्रभावितों के जख्मों पर मरहम नहीं लगाया जा सका है। आपदा के दौरान लापता 205 व्यक्तियों में से 133 अब भी लापता चल रहे हैं, जिनके स्वजनों को अब उनके जिंदा मिलने की आस नहीं, लेकिन अपनों की लाश की तलाश भी पूरी न हो पाना उनका दर्द और भी बढ़ा रहा है। तपोवन स्थित विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की सुरंग में शवों की तलाश बीते एक माह से जारी है। अभी तक टनल से 200 मीटर मलबा हटाकर रेस्क्यू टीम टी प्वाइंट से आगे एसएफटी (स्लिट फ्लशिंग टनल) के मुख्य द्वार तक ही पहुंच पाई है। वहीं सुरंग से लगातार निकल रहा पानी टीम की मुसीबतें और बढ़ा रहा है।

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सात फरवरी को आई आपदा ने भारी तबाही मचाई थी। आपदा के दिन तपोवन स्थित विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की मुख्य सुरंग से होकर 34 लोग सिल्ट फ्लशिंग टनल में काम करने गए थे। इनमें से अभी तक 14 व्यक्तियों के शव बरामद हो चुके हैं। पुलिस अधीक्षक चमोली यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि आपदा में अब तक बरामद कुल 72 शवों और 31 मानव अंग में से 43 शव और एक मानव अंग की शिनाख्त हो चुकी है। वहीं 58 शवों व 28 मानव अंगों का 110 स्वजनों के साथ डीएनए सैंपल मिलान के लिए भेजा गया है। प्रशासन ने 38 मृतकों के स्वजनों, 12 घायलों, एक परिवार सहित एक अन्य को गृह अनुदान की मुआवजा राशि जारी की है। हालांकि अभी भी अधिकतर लापता व्यक्तियों के स्वजनों को मुआवजे के लिए लंबी कार्रवाई से गुजरना पड़ रहा है। वहीं पैंग मुरंडा गांव के सामने बनी झील के मुहाने से आइटीबीपी ने मलबा और पेड़ हटाकर पानी का रिसाव कर दिया गया है। अब इस झील से किसी प्रकार का खतरा नहीं है।

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डाइवर्जन साइट पर मोड़ा जाएगा नदी का रुख: रेस्क्यू को लेकर जैसे-जैसे समय बीत रहा है बाधाएं भी बढ़ती जा रही हैं। तपोवन टनल में मलबा के साथ पानी निकलने से देरी हो रही है। एक माह तक टनल में मलबा हटाने के काम में जुटे रेस्क्यू दल ने अब परियोजना के डाइवर्जन साइड पर नदी का रुख मोड़ने की रणनीति बनाई है। इसके लिए मशीनों से कार्य भी हो रहा है ताकि टनल में नदी का पानी न जाए।

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प्रशासन प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं लगातार उपलब्ध करा रहा है। रेस्क्यू कार्य लगातार जारी है। आपदा प्रभावित क्षेत्र में राशन किट सहित बिजली, पानी, खाद्यान्न आपूर्ति कर दी गई है। नीती-मलारी हाईवे पर रैणी में बैली ब्रिज बनाकर यातायात सुचारू कर दिया है।

स्वाति एस भदौरिया, जिलाधिकारी चमोली

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रेस्क्यू अपडेट

कुल लापता,205

शव बरामद,72

मानव अंग बरामद,31

अब तक शिनाख्त,43

अब भी लापता,133


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