गैरसैंण को राजधानी बनाने पर अभी थोड़ा और इंतजार: मुख्यमंत्री
गैरसैंण को राजधानी बनाने के सवाल पर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि अभी कुछ इंतजार करना होगा। पहले गैरसैंण का विकास होगा। इसके लिए 10 करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है।
गैरसैंण, चमोली [राज्य ब्यूरो]: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि गैरसैंण-भराड़ीसैंण को ग्रीष्मकालीन अथवा स्थायी राजधानी के सवाल पर अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा। गैरसैंण के विकास के लिए 10 करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार ने यहां शीतकालीन सत्र आहूत कर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसकी चौतरफा प्रशंसा हो रही है। लोगों ने इस बात को सराहा है कि विपरीत परिस्थितियों में सरकार ने सत्र आयोजित किया। स्थानांतरण विधेयक पारित किए जाने को बड़ी उपलब्धि बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने जनता की आशाओं को विश्वास में बदला है। तमाम कर्मचारी संगठनों की पारदर्शी स्थानांतरण अधिनियम की मांग को पूरा किया गया है। इस अधिनियम के लागू होने से सरकारी मशीनरी को नई ऊर्जा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्र में अल्मोड़ा आवासीय विद्यालय जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पास होने के साथ ही छह विधेयक अधिनियम बने। उन्होंने कहा कि 3015 करोड़ का अनुपूरक बजट रखा गया है। इसमें स्वच्छ भारत मिशन के लिए 107 करोड़, ग्रामीण खेलकूद के लिए आठ करोड़, मुजफ्फरनगर-रुड़की रेलवे लाइन के लिए 120 करोड़, आशा कार्यकर्ताओं के लिए 33 करोड़, औली में इंटरनेशनल स्कीइंग के लिए 12 करोड़, प्लास्टिक इंजीनियरिंग संस्थान के लिए नौ करोड़ की व्यवस्था की गई है।
केदारपुरी के पुनर्निर्माण को कोई भी दे सकेगा दान
मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट का गठन एक महत्वपूर्ण निर्णय है। अब कोई भी व्यक्ति केदारपुरी के पुनर्निर्माण में अपनी भागीदारी इस ट्रस्ट के माध्यम से कर सकता है। इसके साथ ही तमाम कंपनियों के सीएसआर के तहत उनसे दान के रूप में सहयोग लिया जा सकता है। इससे वहां अवस्थपना संबंधी कार्यों में तेजी आएगी। सरकार की मंशा केदारपुरी को स्मार्ट केदारपुरी बनाना है।
पांच साल में पांच लाख का कौशल विकास
सरकार ने राज्य में पांच साल में पांच लाख युवाओं के कौशल विकास का लक्ष्य तय किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में दो कौशल विकास केंद्र के लिए कार्रवाई गतिमान है। यही नहीं, राज्य के आइटीआइ और पॉलिटेक्निक को उद्योगों से जोडऩे की पहल की गई है, ताकि उद्योगों की जरूरत के अनुसार कार्मिक मिल सकें।
राज्य आंदोलनकारियों की भावना का सम्मान
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण में सत्र आयोजित कर प्रदेश सरकार ने न केवल राज्य आंदोलनकारियों की भावना का सम्मान किया बल्कि होम स्टे योजना को भी एक नई राह दिखाई है। इतना ही नहीं, इससे दूनवासियों विशेषकर विधानसभा के आसपास डिफेंस कालोनी, नेहरू कालोनी, धर्मपुर और शास्त्रीनगर इलाकों में लोगों को सत्र के दौरान लगने वाले जाम और अन्य परेशानी से भी राहत मिली।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में दो राजधानी का पुरजोर विरोध करूंगा: किशोर
यह भी पढ़ें: गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का वादा जल्द होगा पूरा
यह भी पढ़ें: यूपी में योगी हुए पास, उत्तराखंड में अब त्रिवेंद्र की परीक्षा