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चमोली के नारायणबगड़ में दो ग्रामीण हुए लापता, भूस्खलन में दबने की आशंका

चमोली जिले के नारायणबगड़ के डुंगरी गांव में दो ग्रामीणों के भूस्खलन में दबने की सूचना है। बताया जा रहा है कि दोनों गांव की क्षतिग्रत पेयजल लाइन की मरम्मत के लिए गए हुए थे। घटना बीती रात की है। रेस्क्यू टीम आज उनकी खोजबीन को निकली।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 04:37 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 04:37 PM (IST)
चमोली के नारायणबगड़ में दो ग्रामीण हुए लापता, भूस्खलन में दबने की आशंका
चमोली के नारायणबगड़ में भूस्खलन से दो ग्रामीणों के दबने की खबर। फाइल फोट ो

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली)। नारायणबगड़ विकासखंड के डुंग्री गांव में बारिश से क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत के लिए गए दो ग्रामीणों के मलबे में दबने की आशंका जताई जा रही है। सूचना के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू किया, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया।

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डुंग्री गांव के आल्यू तोक में बीती मंगलवार हुई बारिश से पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गई थी। गांव के 48 वर्षीय भरत ङ्क्षसह नेगी और 33 वर्षीय वीरेंद्र सिंह नेगी पेयजल योजना को ठीक करने गए थे, लेकिन रात को वापस घर नहीं लौटे। ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह ने बताया कि पहाड़ी के पास भूस्खलन हुआ है, जिससे दोनों के मलबे में दबने की आशंका जताई जा रही है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना के निर्देशों पर एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर मलबे को साफ करने का कार्य शुरू कर दिया। लेकिन, देर शाम तक कुछ पता नहीं चल पाया। डीएम के अनुसार गुरुवार को भी रेस्क्यू किया जाएगा।

यात्रियों को खिलाया खाना, मजदूर को बांटे कपड़े

सेना की गढ़वाल स्काउट और सीमा सड़क संगठन के जवानों ने बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे यात्रियों को राहत सामग्री बांटी। इस दौरान जगह-जगह फंसे यात्रियों व राहगीरों को निकालने में भी जवानों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सेना की गढ़वाल स्काउट की टीम ने बदरीनाथ हाईवे पर जगह-जगह फंसे 265 यात्रियों के लिए खाने के पैकेट बांटे। बदरीनाथ हाईवे पर जोशीमठ के निकट सेलंग, पैनी, हेलंग तक जगह-जगह रास्ते में यात्री फंसे हुए थे।

जवानों ने इन यात्रियों के लिए खाने की व्यवस्था करने के साथ उन्हें सड़क के आर-पार भी कराया। टीम में गढ़वाल स्काउट के एक आफिसर, एक सूबेदार के अलावा 10 जवान शामिल थे। दूसरी ओर सीमा सड़क संगठन ने यात्रा मार्ग को खोलने में जुटे 100 मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था कर कपड़े भी बांटे। सीमा सड़क संगठन के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने कहा कि जगह-जगह बारिश के दौरान क्षतिग्रस्त हाईवे की मरम्मत में 100 मजदूर जुटे हैं। सड़क खोलने के लिए 11 भारी-भरकम मशीनें भी लगाई गई हैं। बीआरओ की मंशा है कि जल्द से जल्द हाईवे को खोला जाए।

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