Chamoli glacier burst: हिमखंड टूटने से खौफजदा हैं नदी घाटी के लोग
Chamoli glacier burst चमोली जिले में बीते कुछ वक्त में हिमखंड टूटने की दो घटनाएं हुई हैं जिसने लोगों को झकझोर कर रख दिया। पहले ऋषिगंगा और बाद में सुमना टू में हिमखंड टूटने से भारी तबाही मची। इससे लोगों में डर का माहौल बन रहा है।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। Chamoli glacier burst चमोली जिले में बीते कुछ वक्त में हिमखंड टूटने की दो घटनाएं हुई हैं, जिसने लोगों को झकझोर कर रख दिया। पहले ऋषिगंगा और बाद में सुमना टू में हिमखंड टूटने से भारी तबाही मची। इससे लोगों में डर का माहौल बन रहा है। खासतौर पर नदी घाटी में रहने वाले गांवों के लोगों को नदियों का बढ़ता जल स्तर परेशान कर देता है।
दरअसल, 23 अप्रैल को मलारी घाटी के सुमना टू में हिमखंड टूटने से मची तबाही से तपोवन रैणी क्षेत्र के ग्रामीणों में ऋषिगंगा जल प्रलय के जख्मों में हरा कर दिया है। सुमना टू में हिमखंड टूटने से सीमा सड़क संगठन के दो कैंप पूरी तरह तबाह हो गए। इसमें रह रहे 402 व्यक्तियों में से 384 व्यक्तियों को सेना ने रेस्क्यू कर बचा लिया गया, जबकि आपदा में 17 मजदूरों की मौत हो गई। एक व्यक्ति अब भी लापता है।
हिमखंड टूटने की घटनाएं लंबे वैसे तो मावन विहीन क्षेत्र में होती रहती हैं, लेकिन इससे होने वाली जनहानि से लोगों का दहशत में पड़ना लाजमी है। सात फरवरी को भी जोशीमठ के ऋषिगंगा में हिमखंड टूटने से भारी तबाही मची। इस दौरान लापता हुए व्यक्तियों की अब भी खोजबीन चल रही है।
आपदा में 205 व्यक्ति लापता हुए थे। लापता 205 लोगों में से अब तक 81 शव और 36 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 123 लापता हैं। अब तक मिले शवों में से 48 की शिनाख्त हो चुकी है। इस दौरान रैणी से तपोवन के बीच एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं। जिले में हिमखंड टूटने की दो घटनाओं ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। नदी घाटी में रहने वाले लोग नदियों के बढ़ते जलस्तर से खौफजदा होने लगे हैं।
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