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चमोली आपदा प्रभावितों ने उमा भारती के सामने रोया दुखड़ा

पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने नीती घाटी के आपदा प्रभावित गांव रैणी व तपोवन पहुंचकर प्रभावितों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 07:35 PM (IST)
चमोली आपदा प्रभावितों ने उमा भारती के सामने रोया दुखड़ा
रैणी गांव में केंद्रीय मंत्री उमा भारती के समक्ष अपनी समस्या रखती आपदा प्रभावित गांव की महिलाएं।

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली)। पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने नीती घाटी के आपदा प्रभावित गांव रैणी व तपोवन पहुंचकर प्रभावितों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ऋषिगंगा नदी पर सीमा सड़क संगठन की शिवालिक परियोजना द्वारा बनाए जा रहे बैली ब्रिज के निर्माण की प्रगति भी जानी।

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उमा ने अधिकारियों से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में लापता हुए व्यक्तियों के बारे में भी जानकारी जुटाई। स्थानीय महिलाओं ने उनसे सर्च आपरेशन में देरी की शिकायत करते हुए इस पर कड़ी नाराजगी जताई। इस पर उमा ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि वह प्रदेश व केंद्र सरकार से इस पूरे मामले पर बात करेंगी। उन्होंने तपोवन में भी आपदा प्रभावितों से मुलाकात की और एनटीपीसी के बैराज स्थल पर जाकर रेस्क्यू कार्यों के बारे में जानकारी जुटाई। साथ ही एनटीपीसी के अधिकारियों व रेस्क्यू में जुटे जवानों को जल्द से जल्द लापता व्यक्तियों की तलाश करने को कहा।

चिपको नेत्री को अर्पित की पुष्पांजलि

पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती रैणी गांव स्थित चिपको नेत्री गौरा देवी के स्मृति स्थल भी गईं और उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उमा ने कहा कि गौरा देवी की भूमि में आई जल प्रलय से वह काफी दुखी हैं। जिस धरती से पर्यावरण को बचाने की मुहिम छेड़ी गई हो, वहां ऐसी आपदा देखकर मन का दुखी होना स्वाभाविक है।

एसडीएम व तहसीलदार को लगाई फटकार

प्रशासनिक अधिकारियों को आपदा प्रभावित रैणी गांव व तपोवन क्षेत्र के दौरे पर आईं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का कोपभाजन बनना पड़ा।  उमा जब आपदा प्रभावितों की समस्याएं सुन रही थीं, तभी उन्हें बताया गया कि आपदा के बाद से ही पूरी सरकार व प्रशासनिक अमला रैणी व तपोवन में डेरा डाले हुए हैं। आपदा के नाम पर करोड़ों की धनराशि खर्च की जा चुकी है, लेकिन पीड़ि‍तों की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। इसी बीच मौके पर पहुंचीं उपजिलाधिकारी जोशीमठ कुमकुम जोशी व तहसीलदार प्रदीप रावत को उमा ने जमकर फटकार लगाई और तुरंत वहां से चले जाने को कहा। उन्होंने कहा, 'जब तक मैं प्रभावितों की समस्याएं सुन रही हूं, तब तक प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा यहां पर नहीं आना चाहिए।'

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