Chamoli Disaster: ऋषिगंगा के सैलाब में लापता 93 व्यक्ति मृत घोषित, सात फरवरी को टूटा था ग्लेशियर
Chamoli Disaster ऋषिगंगा नदी में बीती सात फरवरी को आए सैलाब में लापता हुए 93 व्यक्तियों को चमोली जिला प्रशासन ने मृत घोषित कर दिया है। इनमें लखीमपुर-खीरी (उत्तर प्रदेश) निवासी 29 मजदूर भी शामिल हैं। अन्य को भी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद मृत घोषित कर दिया जाएगा।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। Chamoli Disaster ऋषिगंगा नदी में बीती सात फरवरी को आए सैलाब में लापता हुए 93 व्यक्तियों को चमोली जिला प्रशासन ने मृत घोषित कर दिया है। इनमें लखीमपुर-खीरी (उत्तर प्रदेश) निवासी 29 मजदूर भी शामिल हैं। अन्य को भी औपचारिकताएं पूर्ण करने के बाद मृत घोषित कर दिया जाएगा।
चमोली जिले की नीती घाटी में बीती सात फरवरी को ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी में सैलाब आ गया था। इसकी चपेट में आकर स्थानीय ग्रामीणों समेत ऋषिगंगा जल विद्युत परियोजना और विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना पर काम कर रहे 205 व्यक्ति लापता हो गए थे। इनमें से 81 के शव और 35 मानव अंग बरामद हो चुके हैं, जबकि, 124 अभी लापता चल रहे हैं।
बरामद शवों में से 49 की शिनाख्त की जा चुकी है। उपजिलाधिकारी जोशीमठ कुमकुम जोशी ने बताया कि आपदा एक्ट के तहत तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद लापता 158 व्यक्तियों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई। 93 व्यक्तियों को मृत घोषित किया जा चुका है। इनमें से 43 के शव बरामद हो चुके हैं और 50 लापता हैं।
ग्लेशियर में दरार के दावे को विशेषज्ञों ने किया खारिज
चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी के कैचमेंट एरिया में ग्लेशियर में दरार के दावे को विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया है। विशेषज्ञों के एक दल ने शनिवार को क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में कहीं कोई दरार नहीं है, सब कुछ सामान्य है।
इतना जरूर है कि एक जगह चोटी से भूस्खलन हुआ है। उन्होंने उच्च हिमालयी क्षेत्र में एवलॉन्च के साथ इस तरह की घटना को सामान्य बताया। दूसरी ओर सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने कहा कि रिपोर्ट मिल गई है। वहां खतरे जैसी कोई बात नहीं है।
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