बदरीनाथ हाईवे बंद, 700 यात्री रोके
जागरण टीम, गढ़वाल: पहाड़ में लगातार हो रही वर्षा से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। वर्षा के चलते बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ खचड़ानाला फिर मुसीबत बन गया है। रविवार सुबह खुला बदरीनाथ हाईवे दोपहर में लामबगड़ खचड़ानाला में जलस्तर बढ़ने से फिर बंद हो गया। लगातार वर्षा होने से हाईवे खोलने का काम भी बाधित हो रहा है, जिसके चलते जिला प्रशासन ने बदरीनाथ जाने वाले 700 यात्रियों को पांडुकेश्वर, गोविंदघाट और जोशीमठ में ही रोक दिया है। इधर, वर्षा से मलबा आने के कारण पहाड़ में 50 से अधिक ग्रामीण मोटर मार्ग बंद पड़े हैं।
रविवार सुबह से बदरीनाथ धाम के लिए आवाजाही हो रही थी। बीआरओ ने लामबगड़ खचड़ानाला पर हाईवे सुबह खोल दिया था, लेकिन दोपहर 12.40 बजे हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा आ गया और नाले के कटान से हाईवे को नुकसान पहुंचा, इससे आवाजाही रोकनी पड़ी। बीआरओ का कहना है कि नाले का जलस्तर कम होते ही हाईवे को सुचारु कर दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि यात्रियों को गोविंदघाट, पांडुकेश्वर व जोशीमठ में रोका गया है। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ में लगभग पांच सौ यात्री मौजूद हैं। वहीं, 37 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद पड़े हैं, जिससे ग्रामीणों को आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, निजमुला घाटी के पाणा ईराणी को जोड़ने वाला वैकल्पिक पुल भारी वर्षा व भूस्खलन से टूट गया है, जिससे ग्रामीण घरों में ही कैद हो गए हैं। ईराणी के प्रधान मोहन सिंह नेगी ने बताया कि गांव को जोड़ने वाले झीझी पुल को पीएमजीएसवाई ने क्षतिग्रस्त कर दिया है जिससे आवाजाही नहीं हो सकती है। वहीं ग्रामीणों के संघर्ष के बाद बिरही गंगा पर वैकल्पिक पुल बनाया गया था, जो भारी वर्षा के चलते बह गया है। उधर, रुद्रप्रयाग में रविवार को सुबह नौ बजे सिरोबगड़ हाईवे अवरुद्ध हो गया, जो एक घंटे बाद खुल सका। सिरोबगड़ में लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिससे आवाजाही खतरनाक बनी हुई है। उधर, नई टिहरी में बौराड़ी स्टेडियम जलभराव के कारण तालाब में तब्दील हो गया। ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोताघाटी के पास मलबा आने के कारण सुबह करीब चार घंटे तक हाईवे बंद रहा, जिससे यात्रियों व क्षेत्रवासियों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान काफी संख्या में छोटे-बड़े वाहन हाईवे में फंसे रहे। वहीं वर्षा से जिले के 11 ग्रामीण मोटर मार्ग भी बंद पड़े हैं। भिलंगना पट्टी के बासर पट्टी में भी बीती रात बिजली गुल होने से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस बीच, रविवार को भी उत्तरकाशी में भी दिनभर हल्की वर्षा होती रही। वर्षा के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भूस्खलन जारी है। यमुनोत्री राजमार्ग पर ब्रह्मखाल सिलक्यारा के बीच दलदल की स्थिति बनी रही, जिसमें छोटे वाहन चालकों और पैदल आवाजाही करने वालों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा जनपद में 15 संपर्क मार्ग भी जगह-जगह अवरुद्ध हैं। सबसे अधिक मार्ग चिन्यालीसौड़, भटवाड़ी और मोरी ब्लाक में बाधित हैं। आराकोट थुनारा मोटर मार्ग कई दिनों बाधित चल रहा है। मार्ग के बाधित होने से थुनारा के बागीचों में जो सेब है वह मंडी तक नहीं पहुंचाया जा पा रहा है।
भूस्खलन से मालढैय्या में हाईवे एक घंटे रहा बंद
श्रीनगर गढ़वाल: श्रीनगर से लगभग चार किलोमीटर दूर उफल्डा के समीप मालढैय्या पर रविवार को प्रात: लगभग साढ़े 11 बजे अचानक छोटी पहाड़ी से हुए भारी भूस्खलन से श्रीनगर से कीर्तिनगर के मध्य हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। भूस्खलन से सिंचाई विभाग की आवासीय कालोनी के लिए बनाई गई बड़ी सुरक्षात्मक दीवार भी ढह गई, जिससे अधिशासी अभियंता के आवास और कैंप कार्यालय के दो कमरे भी हवा में झूल गए। पूरे भवन में दरारें भी आ गई। घटना की सूचना मिलने पर बाजार चौकी प्रभारी रणवीर रमोला पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने पहले आवास खाली करवाया और फिर लोनिवि की जेसीबी मंगवाकर मलबा हटवाने के बाद यातायात सामान्य करवाया। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता दीपक लिंगवाल ने बताया कि अधिशासी अभियंता सचिन शर्मा लगभग एक महीने पहले ही देहरादून से तबादले पर श्रीनगर पहुंचे हैं। उनके आवास और कैंप कार्यालय का सारा सामान वहां से हटाकर फिलहाल कार्यालय परिसर के अन्य कमरों में रख दिया गया है।