Badrinath Yatra 2020: गणेश पूजा के साथ शुरू हुई बदरीनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया, पंच पूजाओं का विशेष महत्व
Badrinath Yatra 2020 बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया गणेश पूजन के साथ शुरू हो गई हो गई है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पंच पूजाओं के बाद 19 नवंबर को धाम के कपाट शाम तीन बजकर 35 मिनट पर विधि-विधान के साथ बंद किए जाएंगे।
गोपेश्वर(चमोली), जेएनएन। Badrinath Yatra 2020 बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया गणेश पूजन के साथ शुरू हो गई हो गई है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पंच पूजाओं के बाद 19 नवंबर को धाम के कपाट शाम तीन बजकर 35 मिनट पर विधि-विधान के साथ बंद किए जाएंगे। आपको बता दें कि आज गंगोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।
बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पहले पंच पूजाएं होती हैं, जिनका विशेष महत्व है। इसके तहत भगवान गणेश, आदि केदारेश्वर, खडग पुस्तक और महालक्ष्मी की पूजाएं होती हैं और सबसे पहले गणेश मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं। बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी भुवनचंद उनियाल ने बताया कि परंपरा के अनुसार बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के नेतृत्व में वेदपाठियों ने गणेश पूजन किया। कल यानी सोमवार को पूजा-अर्चना के बाद विधि-विधान से बदरीनाथ मंदिर परिसर में स्थित भगवान आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
वहीं, 17 नवंबर को खड़क पुस्तक बंद होने के बाद मंदिर में वेद वाचन भी बंद हो जाएगा। 18 नवंबर को लक्ष्मी पूजन के साथ मां लक्ष्मी को शीतकाल में भगवान बदरीनारायण के साथ गर्भ गृह में आने का न्यौता मिलेगा। फिर 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
इतने यात्रियों ने किए बदरी-केदार के दर्शन
आपको बता दें कि बदरीनाथ धाम में 14 नवंबर शाम चार बजे तक 1176 पहुंचे, जबकि कुल 135222 यात्रियों ने बदरीविशाल के दर्शन किए हैं। वहीं, केदारनाथ धाम में शनिवार को 1008 यात्री पहुंचे, जबकि कुल 131174 अबतक भगवान केदारनाथ का आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं।