बदरीनाथ धाम में अव्यवस्थाओं से दो चार होंगे यात्री
संवाद सूत्र जोशीमठ व्यवस्थाओं में प्रशासनिक हीलाहवाली यात्रियों पर भारी पड़ सकती है। बदरीन
संवाद सूत्र, जोशीमठ: व्यवस्थाओं में प्रशासनिक हीलाहवाली यात्रियों पर भारी पड़ सकती है। बदरीनाथ धाम में इस बार प्रशासन से पहले मंदिर समिति व्यवस्थाओं पर जुट गई थी। हालांकि मंदिर समिति को सिर्फ मंदिर से जुड़ी व्यवस्थाएं देखनी है।
गौरतलब है कि श्री बदरीनाथ धाम में शीतकाल के दौरान बर्फबारी से भारी नुकसान हुआ था। यहां पर दुकानें, भवन, धर्मशालाओं को क्षति पहुंची है। इसके अलावा विद्युत, पेयजल सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं को सुचारु करने में भी दिक्कतें हो रही हैं। बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पहले तक एक माह पहले ही बदरीनाथ पहुंचकर व्यवस्थाओं में जुट जाता था। इस बार प्रशासन की टीम कपाट खुलने से 18 दिन पहले बदरीनाथ पहुंची है। बार बार मौसम खराब होने से भी यात्रा व्यवस्था कार्यों में बाधाएं पहुंच रही है। बीते दिन जिला प्रशासन ने स्थलीय निरीक्षण कर 30 अप्रैल तक सभी व्यवस्थाएं सुचारु रखने के निर्देश दिए हैं। बदरीनाथ के संपर्क मार्गों, पैदल मार्गों में बर्फ हटाना ही किसी चुनौती से कम नहीं है। धाम में कपाट खुलने से दो दिन पहले से यात्रियों की आवाजाही सुचारु हो जाती है। ऐसे में इस बार यात्रियों को अव्यवस्थाओं से दो चार होना पड़ेगा इसे भी नहीं नकारा जा सकता है। बदरीनाथ हेलीपैड में बर्फ जमी हुई है। ऐसे में हेलीपैड से बर्फ हटाना भी बहुत जरूरी है। इस हेलीपैड का उपयोग यात्रा, वीआइपी के अलावा आपातकाल के लिए भी किया जाता है। बदरीनाथ की व्यवस्थाओं पर नजर डाली जाए तो यहां पर विद्युत, पेयजल सुचारु करना किसी चुनौती से कम नहीं है।पूर्व में श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने से एक माह पूर्व प्रशासन स्थलीय निरीक्षण कर यात्रा व्यवस्थाओं पर जुट जाता था। प्रशासन यात्रा व्यवस्थाओं की प्रतिदिन मानीटरिग करता था। ताकि समय पर सब कुछ ठीक हो। इस बार प्रशासन का देरी से बदरीनाथ पहुंचना भी यात्रा व्यवस्थाओं में देरी का कारण बन सकता है।
श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह का कहना है कि मंदिर समिति ने बिना प्रशासन का इंतजार किए मंदिर की यात्रा व्यवस्था पर समय पर कार्य शुरू कर दिया था। कहा कि बर्फबारी के कारण इस बार पहले ही यात्रा व्यवस्थाओं के कार्य शुरू होने चाहिए थे।