Adibadri Temple: मकर संक्रांति पर खुले आदिबद्री मंदिर के कपाट, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
Adibadri Temple पौष माह में बंद रहने के बाद मकर संक्रांति पर भगवान आदिबद्री के कपाट विधि-विधान के साथ ब्रह्म मुहूर्त में आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। महाभिषेक समारोह में शिरकत कर भक्तों ने भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर(चमोली)। Adibadri Temple पौष माह में बंद रहने के बाद मकर संक्रांति पर भगवान आदिबद्री के कपाट विधि-विधान के साथ ब्रह्म मुहूर्त में आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। महाभिषेक समारोह में शिरकत कर भक्तों ने भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की। इस धाम में कपाट सिर्फ एक माह के लिए ही बंद किए जाते हैं। हर साल मकर संक्रांति पर ही कपाट खोले जाते हैं। इस अवसर पर एक सप्ताह का सांस्कृतिक धार्मिक आयोजन होता है, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस बार कार्यक्रम एक दिवसीय ही है।
चमोली जिले के कर्णप्रयाग से गैरसैंण मोटर मार्ग पर स्थिति आदिबद्री धाम में पुरातन महत्व का मंदिर समूह है। इस मंदिर समूह के रख-रखाव की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग के अधीन है। कपाट खोलने के उत्सव को यादगार बनाने के लिए मंदिर को फूलों से बेहद ही खूबसूरती से सजाया गया था। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर प्रातः चार बजे पुजारी ने भगवान आदि बद्री का अभिषेक कर कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले।
मंदिर के मुख्य पुजारी चक्रधर थपलियाल ने बताया कि इस दौरान स्थानीय श्रद्धालुओं समेत यात्रियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी रही। मंदिर समिति के अध्यक्ष विजयेश नवानी ने बताया कि भजन मंडलियों की ओर से भजनों की प्रस्तुति के साथ ही क्षेत्रीय महिला मंगल दलों ने धार्मिक लोक नृत्य और लोक गीतों का भी आयोजन हुआ। पूरे दिन परंपरागत, धार्मिक और अनुष्ठानिक कार्य आयोजित होंगे। आयोजन समिति के महासचिव गैंणा रावत ने बताया कि इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते समारोह एक सप्ताह के बजाए एक दिवसीय है।
यह भी पढ़ें- कोरोना और कड़ाके की ठंड भी नहीं डिगा पाई आस्था, खचाखच भरे गंगा घाट; तस्वीरों में देखें कुंभ वर्ष का पहला पर्व स्नान