पहली बार बदरी-केदार पहुंचे रिकॉर्ड 4922 श्रद्धालु
देशभर के यात्रियों को आवागमन की खुली छूट मिलने के बाद चारों धाम खासकर बदरी-केदार में श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित उछाल आया है।
जागरण टीम, गढ़वाल: देशभर के यात्रियों को आवागमन की खुली छूट मिलने के बाद चारों धाम, खासकर बदरी-केदार में श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित उछाल आया है। शनिवार को 4922 श्रद्धालु दोनों धाम में दर्शनों के लिए पहुंचे। जबकि, गंगोत्री धाम में 242 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इसके अलावा हेमकुंड साहिब में भी 350 श्रद्धालुओं ने मत्था टेका।
इस यात्रा सीजन में पहली बार एक ही दिन में 2274 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। हालांकि, सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रतिदिन बाहरी राज्यों से आए 1200 श्रद्धालुओं को ही ई-पास जारी किए जा रहे हैं। लेकिन, लॉकडाउन हटते ही एकाएक श्रद्धालुओं की आमद बढ़ गई है। इसे देखते हुए उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से मंदिर के बाहर ही श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। शुक्रवार को भी 1580 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे थे। गत 12 जून को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 33495 श्रद्धालु भगवान बदरी विशाल के दर्शन कर चुके हैं। देवस्थानम बोर्ड के मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान व मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए दर्शन कराए जा रहे हैं। उपजिलाधिकारी जोशीमठ अनिल चन्याल ने बताया कि धाम में भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालु दर्शन कर सीधे जोशीमठ लौट रहे हैं। यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर जल्द शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। विदित हो कि कोरोना संक्रमण के चलते बदरीनाथ धाम में 90 प्रतिशत होटल व धर्मशालाएं बंद हैं। जिससे श्रद्धालुओं को परेशान होना पड़ रहा है। हालांकि, श्रद्धालुओं की आवाजाही बढ़ने के बाद बामणी गांव के पांच होटल व्यवसायियों ने अपने होटल व लॉज खोल दिए हैं।
केदारनाथ धाम में भी पहली बार एक ही दिन में 2648 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। इनमें 1567 पुरुष, 1003 महिलाएं व 78 बच्चे शामिल थे। जबकि, शुक्रवार को महज 220 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे थे। कपाट खुलने के बाद से अब तक धाम में 14106 यात्री दर्शन कर चुके हैं। यात्रा के जोर पकड़ने से केदारनाथ में भी श्रद्धालुओं को खाने-ठहरने की दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। केदारनाथ व्यापार संघ के अध्यक्ष महेश बगवाड़ी का कहना है कि स्थानीय लोगों ने अपने होटल व लॉज नहीं खोले हैं, जिससे यह समस्या आई है।
गंगोत्री-यमुनोत्री धाम में भी आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की आमद बढ़ने की उम्मीद है। इसे देखते हुए प्रशासन निकटवर्ती पड़ावों पर श्रद्धालुओं के खाने-ठहरने के इंतजाम कर रहा है। जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित ने बताया कि दोनों धाम में यात्री सुविधाओं को लेकर रिपोर्ट गढ़वाल कमिश्नर को भेजी जा रही है। गंगोत्री धाम में शनिवार को 242 श्रद्धालु पहुंचे, जबकि शुक्रवार को यह संख्या 356 थी। यमुनोत्री धाम में फिलहाल श्रद्धालुओं का आंकड़ा दहाई के अंक तक सिमटा हुआ है। इनमें भी ज्यादातर श्रद्धालु स्थानीय हैं।
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हेमकुंड में मत्था टेक चुके 5050 श्रद्धालु
जोशीमठ: हेमकुंड साहिब में भी श्रद्धालुओं की आमद बढ़ गई है। शनिवार केा 350 श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में डुबकी लगाकर दरबार साहिब में मत्था टेका। चार सितंबर को कपाट खुलने के बाद से अब तक 5250 श्रद्धालु धाम में मत्था टेक चुके हैं। धाम के कपाट दस अक्टूबर को बंद होने हैं।
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निखरी टिहरी झील की रंगत
नई टिहरी: टिहरी झील में भी पर्यटकों की आमद बढ़ने लगी है। बोट यूनियन के संरक्षक कुलदीप सिंह पंवार ने बताया कि शुक्रवार व शनिवार को दो हजार से अधिक पर्यटक झील में बोटिंग के लिए पहुंचे। आने वाले दिनों में पर्यटकों की आमद और बढ़ने की उम्मीद है।