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हेमकुंड यात्रा: पैदल मार्ग पर हिमखंडों के बीच से चलकर बढ़ रहा रोमांच

हेमकुंड साहिब यात्रा पर अबतक चालीस हजार यात्री पहुंच चुके हैं। जबकि, बीते वर्ष इस अवधि में यह संख्या सिर्फ 24500 थी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 03:09 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 05:13 PM (IST)
हेमकुंड यात्रा: पैदल मार्ग पर हिमखंडों के बीच से चलकर बढ़ रहा रोमांच
हेमकुंड यात्रा: पैदल मार्ग पर हिमखंडों के बीच से चलकर बढ़ रहा रोमांच

गोपेश्वर, [जेएनएन]: साफ मौसम के बीच श्री हेमकुंड साहिब में यात्रियों की आमद लगातार बढ़ रही है। महज एक पखवाड़े में ही 40 हजार यात्री हेमकुंड साहिब पहुंच चुके हैं। जबकि, बीते वर्ष इस अवधि में यह संख्या सिर्फ 24500 थी। इस बार यात्रियों की संख्या बढऩे से गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी भी उत्साहित है। 

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जून 2013 की आपदा के बाद पहली बार चारधाम समेत हेमकुंड साहिब यात्रा की तस्वीर बदली हुई है। हेमकुंड व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट 25 मई को खोले गए थे। तब से रोजाना हजारों यात्री गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंच रहे हैं। आने वाले दिनों में भी मौसम ने साथ दिया तो इस बार यात्रियों की संख्या पिछले सारे रिकार्ड पार कर सकती है। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी को भी उम्मीद है कि इस बार की यात्रा आपदा की टीस को दूर करने में सफल रहेगी।

सबसे ऊंचा गुरुद्वारा है हेमकुंड साहिब

समुद्रतल से 15200 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्री हेमकुंड साहिब सिखों का सबसे ऊंचाई वाला गुरुद्वारा है। इसीलिए हर साल लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचकर सबद-कीर्तन, हुकुमनामा पाठ व अरदास में भाग लेते हैं। हेमकुंड साहिब में पवित्र सरोवर में स्नान करने के बाद गुरुद्वारे में मत्था टेका जाता है।

वर्षवार हेमकुंड साहिब पहुंचे यात्री

वर्ष, कुल यात्री 

2018, 40000 (अब तक)

2017, 225000

2016, 165000

2015, 115000

2014, 71000

लोकपाल में भी उल्लास

हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे से कुछ ही फासले पर स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में भी इस बार श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है। दरअसल, गुरुद्वारे में मत्था टेकने पहुंचे श्रद्धालु लोकपाल के दर्शनों को भी अवश्य जाते हैं। इसलिए यहां भी आस्था का वैसा ही उल्लास नजर आ रहा है, जैसा कि हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे में।

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