्रबीमार को चार किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल
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संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: आज भी जिले के कई गांव सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं, ऐसे में कई किलोमीटर तक लोगों को पैदल ही आवागमन पर पहुंचना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी जरूरी सामान लाने ले जाने और बीमार को अस्पताल पहुुंचाने की रहती है।
गुरुवार रात को तहसील कर्णप्रयाग के कपीरी पट्टी के कुंडडुंग्रा गांव में ग्रामीणों को रात भारी गुजरी। गांव के सचिच्चानंद के पुत्र नीरज (21) को रात्रि नौ 10 बजे पेट दर्द व बैचेनी की शिकायत हुई। परिजनों और ग्रामीण किसी तरह डंडी-कंडी के सहारे टॉर्च की लाईट में बीमार को कुंडडुंग्रा से चार किलोमीटर पैदल दूरी तय कर नौली सड़क मार्ग तक लाए। जहां रात करीब 12:39 आकस्मिक सेवा वाहन के जरिए बीमार को किसी तरह सीएचसी कर्णप्रयाग में उपचार के लिए भर्ती कराया जहां उसकी स्थिति स्थिर बनी है।
वहीं क्षेत्र के कई गांव को सड़क सुविधा का लाभ नहीं मिलने को लेकर ग्रामीण परेशान हैं। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता पुष्कर सिंह, बृजेश बिष्ट ने कहा कि बीते दो वर्ष से लोनिवि गौचर लंबित मोटर मार्ग के ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत शासन से पत्राचार की बात कह रहा है, लेकिन मोटर मार्ग निर्माण कार्य पर वन भूमि संबंधी रुकावट दूर नहीं हो सकी है, जिससे निर्माण कार्य अधर में है। मोटर सुविधा के अभाव में बणसोली, सुमल्टा, स्वर्का, स्यान, गुनाड़ के ग्रामीण किसी तरह प्रतिदिन आवाजाही कर जरूरी सामान पीठ पर ले जाने को विवश हैं,लेकिन सबसे अधिक परेशानी गंभीर बीमार को अस्पताल पहुंचाने की बनी है। क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि इस संबंध में कई बार क्षेत्रीय विधायक को भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन स्थिति जस की तस है। सर्वे से आगे नहीं बढ़ा निर्माण
विकासखंड कर्णप्रयाग अंर्तगत डिम्मर-बणसोली-कपीरी पट्टी के स्वर्का, कुंडडुग्रा, डूंगरखाल, कुनेथ -स्यान-कालूसैंण को वर्ष 2007 में सात किलोमीटर व वर्ष 2017 में दस किलोमीटर की स्वीकृति मिली, लेकिन आज तक इन सड़कों पर कार्य सर्वे से आगे नही बढ़ पाया है, जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा के जूझ रहें हैं। जरूरी सामान पीठ पर लाने व ले जाने में एक से दो दिन लग जाते हैं। वर्षाकाल में पैदल मार्गो के बंद होने से स्थिति विकट हो जाती है और कई बार बीमार रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। ग्रामीण शंभू प्रसाद खंडूड़ी, मोहन सिंह, भगवती प्रसाद, नंदन सिंह, मोहन सिंह ने बताया कि इस संबंध में कई बार क्षेत्रीय विधायक व सांसद गढ़वाल को अवगत कराया गया है, लेकिन लोनिवि गौचर कार्य को शुरू नहीं कर पा रहा है। वनभूमि संबंधी पत्रावलियां शासन में लंबित हैं, ऑनलाइन प्रक्रिया और वन विभाग का संयुक्त निरीक्षण के बाद कार्य शुरू होगा। --- एमएस रावत अधिशासी अभियंता लोनिवि