चार साल संघर्ष के बाद मिली मजदूरों को जीत
बागेश्वर में चार साल के लंबे संघर्ष के बाद पांच मजदूरों को उनकी 9230 रुपये मजदूरी मिलने जा रही हैं। डीपीआरओ ने जांच के बाद तत्कालीन ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी से वसूली के निर्देश दे दिए हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : चार साल के लंबे संघर्ष के बाद पांच मजदूरों को उनकी 9230 रुपये मजदूरी मिलने जा रही हैं। डीपीआरओ ने जांच के बाद तत्कालीन ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी से वसूली के निर्देश दे दिए हैं।
गांवों में किस तरह भ्रष्टाचार की जड़े समां गई हैं, इसका उदाहरण ग्राम पंचायत दोबाड़ हैं। बीते चार साल पहले वर्ष 2017 में ग्राम पंचायत दोबाड़ के बोजन तोक में 14वें राज्य वित्त योजना से धारा निर्माण का कार्य पूरा हुआ। इसमें कुल छह मजदूरों ने कार्य किया था। जिनको कुल 11 हजार 310 रुपये मजदूरी मिलनी थी। एक मजदूर को मजदूरी मिल गई थी। जबकि पांच मजदूरों के मस्टरोल में फर्जी हस्ताक्षर कराकर मजदूरी निकाल ली गई थी। जब मजदूर अपनी मजदूरी के लिए ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पास गए तो वह मुकर गए।
इसके बाद क्षेत्र के जागरूक नागरिक हुकुम सिंह बसेड़ा ने लड़ाई लड़ी। डीएम, सीडीओ को पूरे प्रकरण की लिखित जानकारी दी। पूरे मामले की जांच पीएमजीएसवाइ के अधिशासी अभियंता पंकज कुमार से कराई गई। जांच के दौरान एक मजदूर ने दो हजार 2662 रुपये की मजदूरी मिलना कबूल किया। जबकि पांच मजदूरों के फर्जी हस्ताक्षर से पैसे निकाल लिए गए थे। जांच अधिकारी के स्थानांतरण के बाद डीपीआरओ ने पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए पूर्व प्रधान जानकी देवी व वीपीडीओ सुंदर सिंह नेगी से चार हजार 615 वसूली के निर्देश दिए हैं। पूर्व प्रधान और वीपीडीओ से वसूली होगी। धनराशि ग्राम पंचायत के खाते में जमा होगी। जिसके बाद इन पांचों मजदूरों को मजदूरी मिलेगी। पैसा जमा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।
- बसंत मेहता, डीपीआरओ, बागेश्वर