गम में डूबे चचई गांव के दो परिवार
बागेश्वर के कपकोट तहसील के चचई गांव के लोग शनिवार की रात नहीं सो सके।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: कपकोट तहसील के चचई गांव के लोग शनिवार की रात नहीं सो सके। रविवार को दिन भर वह गांव की दो महिलाओं के शवों को देखकर फफक-फफक कर रोए। गांव की दो महिलाओं की आग में झुलसकर हुई मौत के बाद गांव में कोहराम मचा हुआ है। बच्चे, बुजुर्ग और परिजनों के मुंह में निवाला भी नहीं जा रहा है। हालांकि रविवार सुबह से गांव में ढांढस बंधाने वालों का सिलसिला रहा। अलबत्ता चचई की घटना को मानवीय भूल कहें या फिर प्राकृतिक आपदा यह ह²य विदारक घटना से हर कोई स्तब्ध है।
चचई गांव के अधिकतर ग्रामीण खेती और पशुपालन का काम कर रहे हैं। उनकी आजीविका भी यहीं से निकल कर आती है। लॉकडाउन भी पेट की भूख के सामने शायद कोई मायने नहीं रखता। वह सुबह उठते हैं और जंगल का रुख करते है। ऐसा ही बीते दिवस शनिवार की सुबह भी हुआ और गांव की करीब छह महिलाएं सोशल दूरी बनाते हुए पुड़कुनी के जंगल पहुंची। वहां दिनभर घास (गाज्यो) काटा और सूखाने छोड़ दिया। शाम को तेज अधड़ और हवाएं चलने लगी। जंगल की नीचे की तरफ शायद चरवाहों ने धुंआ लगाया था ओर चिगारी उठी जंगल की तरफ बढ़ गई। महिलाएं आनन-फानन में खुद को बचाने का प्रयास करने लगी। नंदी और इंद्रा आग में झुलस गई और पहाड़ से गिर गईं। जिससे उनकी मौत हो गई। वह अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गई हैं। नंदी के दो-दो बेटे और बेटियां हैं। इंद्रा दो बेटे और तीन बेटियों को रोता-बिलखता छोड़ गई है।
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घायल गंगा देवी ने बताया आंखों देखा हाल
जिला अस्पताल में भर्ती घायल गंगा देवी ने बताया कि आग की लपटें काफी तेज थी। पहले अपनी जान बचाई और फिर मोबाइल से घटना की सूचना घर पर दी। गांव वाले देर शाम जंगल पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। एसडीआरएफ भी पहुंची। उनके जीवन में ऐसा पहली बार हुआ और वह अब भयभीत है।
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जनप्रतिनिधियों ने बंधाया ढांढ़स
कपकोट के विधायक बलवंत भौर्याल, पूर्व विधायक ललित फस्र्वाण, पूर्व जिपंअ हरीश ऐठानी, सुंदर लाल वर्मा, प्रधान निर्मला जोशी, धीरज कोरंगा समेत तमाम लोगों ने मृतक परिवार के परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और सरकार को पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद करनी चाहिए।
-वर्जन- फायर सीजन के चलते वन विभाग को कोरोना की रोकथाम में भी नहीं लगाया गया है। इसके बाद भी जंगलों की आग की सूचना का विभाग को पता नहीं लगना गंभीर बात है। एसडीएम कपकोट को निर्देश दिए हैं कि वह मामले की जांच करें। वन विभाग आग किसने लगाई उसकी जांच करें। यदि मामला सामने आता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। मृतका के परिजनों को वन विभाग की संस्तुति पर आपादा प्रबंधन के तहत सहायता राशि दी जाएगी। -रंजना राजगुरु, जिलाधिकारी