द्वारिकाछीना के समीप पहाड़ी दरकने से अब थुनाई-मिहिनिया मोटर पुल भी मलबे से पटा, आवाजाही हुई बंद
बागेश्वर के गिरेछीना मोटर मार्ग पर द्वारिकाछीना के समीप भूस्खलन होने से अब थुनाई मिहिनिया मोटर पुल भी मलबे से पट गया है। आवाजाही बंद होने से लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: गिरेछीना मोटर मार्ग पर द्वारिकाछीना के समीप भूस्खलन होने से थुनाई-मिहिनिया मोटर मार्ग भी बंद हो गया है और लाखों की लागत से बने पुल को खतरा बना हुआ है। सड़क करीब ढ़ाई माह से बंद है और दो हजार से अधिक लोग आठ किमी घूमकर जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं। जिससे स्कूली बच्चे, प्रसव पीड़िताएं और बुजुर्ग बीमार सबसे अधिक प्रभावित हो गए हैं। मिहिनिया गांव के लोग भविष्य को लेकर भी आशंकित हैं और पहाड़ दरकने से गांव को भी खतरा पैदा हो गया है।
पिछले डेढ़ माह से गिरेछीना मोटर मार्ग में द्वारिकाछीना के समीप पहाड़ दरक रहा है और लोनिवि एक मशीन लगाकर मलबे को थुनाई-मिहिनिया सड़क की तरफ धकेल रहा है। जिससे मोटर पुल का आधा हिस्सा मलबे में दब गया है और सड़क भी बंद हो गई है। पहाड़ से नीचे की तरफ मलबा गिराने से मिहिनिया गांव को भी खतरा बना हुआ है। स्थानीय निवासी एडवोकेट कुंदन परिहार ने कहा कि उदासीन बना हुआ है। ढाई माह से सड़क बंद है और मलबा सीधे गांव को धकेला जा रहा है। जिससे गोमती नदी भी प्रदूषित हो रही है और जलीय जीव भी खतरे में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि मलबा नीचे की तरफ धकेलने के बजाए उसे दूसरे स्थान पर रखा जाना चाहिए। यदि मलबा गांव की तरफ ही गया तो खतरा बढ़ जाएगा और वर्षाकाल में भूस्खलन की स्थिति भी पैदा होगी। लाखों रुपये की लागत से बना पुल भी ध्वस्त हो जाएगा। ---------- इन गांवों की जनता परेशान भटोली, काकड़ा, अमतौड़ा, मिहिनिया, डुंगरगांव आदि गांवों के लोग करीब आठ किमी पैदल चलकर जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं जबकि यहां से सिर्फ उन्हें तीन किमी की दूरी तय करनी होती है। करीब दो हजार से अधिक लोग परेशान हैं। ========== द्वारिकाछीना के समीप लगातार भूस्खलन हो रहा है। सड़क खोलने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं और वैकल्पिक व्यवस्था के लिए दो स्थानों से सर्वे भी किया गया है। मलबे को नीचे की तरफ नहीं गिराया जाएगा और पुल को बचाने के प्रयास भी किए जाएंगे।
-यूसी पंत, ईई, लोनिवि।