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अतिवृष्टि से कपकोट में तीन पुल बहे

जागरण टीम कपकोट/बागेश्वर अतिवृष्टि से कपकोट में तीन पुल बह गए हैं। सूडिग गांव भूस्खलन

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 11:08 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 06:32 AM (IST)
अतिवृष्टि से कपकोट में तीन पुल बहे
अतिवृष्टि से कपकोट में तीन पुल बहे

जागरण टीम, कपकोट/बागेश्वर : अतिवृष्टि से कपकोट में तीन पुल बह गए हैं। सूडिग गांव भूस्खलन की जद में आ गया है। गांव में गोशाला धंसने में मवेशी जिदा दफन हो गए। सरयू का जलस्तर बढ़ने से पुलिस ने कपकोट और नगर में डुगडुगी कर सचेत किया। बारिश से एक दर्जन से अधिक सड़कों पर मलबा आने से वे आवागमन के लिए बंद हो गई हैं।

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शनिवार सुबह अतिवृष्टि ने सुडिग गांव में आफत बरसा दी। गांव की जमीन धंसने लगी। घरों से लोग बाहर भागकर सुरक्षित स्थानों का रुख करने लगे। गांव के भूपाल सिंह पुत्र प्रेम सिंह की गोशाला भूस्खलन की भेंट चढ़ गई और चार मवेशी जिदा दफन हो गए। गांव में 12 मकान खतरे की जद में आ गए हैं, भूस्खलन से खेती चौपट हो गई है। तहसीलदार मैनपाल सिंह ने बताया कि दो बैल मर गए हैं और सौंग गांव में भी दो मवेशी दब गए हैं। एसडीआरएफ की टीम गांव रवाना हो गई है। वहीं, उत्तर भारत हाइड्रो पावर कंपनी के समीप रात 11 बजे अतिवृष्टि होने से एक डैम में मलबा भर गया। कंपनी के कर्मचारियों के आवास सरयू नदी में बह गए। इससे वहां भगदड़ मच गई और 15 कर्मचारियों ने भागकर जान बचाई। इसके अलावा कंपनी के आसपास के घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। खेत बह गए हैं और कंपनी के उपकरण भी बहने की खबर है। स्थानीय देवेंद्र सिंह मटियानी ने बताया कि संचार सेवा ठप होने से सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं हो पा रहा है। स्थानीय आपदा टीम मौके पर राहत-बचाव कार्य में लगी है। पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। आवागमन पूरी तरह ठप है।

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सौंग में भी भूस्खलन

क्षेत्र के सौंग गांव में भी भारी भूस्खलन होने से लोगों के खेत, रास्ते, प्राकृतिक स्त्रोत, बिजली के पोल आदि क्षतिग्रस्त हो गए। प्रशासन की टीम खबर लिखे जाने तक नहीं पहुंच सकी थी। सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आने से यातायात ठप है। भराड़ी बाजार में भी सन्नाटा छाया हुआ है।

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यहां बहे पुल

खारबगड़, रीठाबगड़ ओर हरसिग्याबगड़ को जोड़ने वाले तीन पुल बह गए हैं। जिससे क्षेत्र का आवागन पूरी तरह ठप हो गया है।

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शहर में मची अफरातफरी

शनिवार की सुबह करीब तीन बजे गहरी नींद में सोए लोगों को बारिश ने जगा दिया और सरयू की तरफ नजर दौड़ते ही उनके होश उड़ गए। सरयू का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया। लोग घरों से बाहर निकल आए और सुरक्षित स्थानों को भागने लगे। सरयू का जलस्तर बढ़ने से बागनाथ मंदिर घाट डूबने लगे और विशालकाय शिव मूíत तक पानी पहुंच गया। पानी में बड़े-बड़े पेड़ बहकर आने से नगर में दहशत फैल गई। वहीं गोमती नदी के पानी को सरयू के बेग ने रोक दिया और गोमती पुल के नीचे नदी ने तालाब का रूप ले लिया और पुल से इधर-उधर जाने में भी लोग डरने लगे। पुलिस भी सक्रिय हो गई और आरे से लेकर बिलौना तक डुगडुगी कर लोगों को सचेत रहने को कहा गया।

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मलबे में फंसी स्कूल बस

सुबह हुई बारिश से कांडाधार के समीप भारी मात्रा में सड़क पर मलबा आ गया और स्कूल बस मलबे में फंस गई। गनीमत रही की बस तब बच्चों को लेने जा रही थी और बस में सिर्फ चालक और परिचालक ही सवार थे। हालांकि वे भी सुरक्षित बच गए। लोनिवि ने तत्काल जेसीबी मशीन भेजी और घंटों की मशक्कत के बाद सड़क खोली। जिससे स्कूल आदि स्थानों को जा रहे शिक्षक और बच्चे फंसे रहे।

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बिजली आपूíत ठप

अतिवृष्टि से सौंग, सुमगढ़, मुनार, शामा आदि स्थानों पर विद्युत पोल और लाइन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 14 गांवों की विद्युत व्यवस्था प्रभावित हो गई है। सिचाई के नहर बिजारीझोल और दुलम नहर में भारी मात्रा में मला भर गया है और नहर क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

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ये आशियाने उड़े

कांडा क्षेत्र के नागकन्याल गांव निवासी लीला कांडपाल पत्नी दिनेश चंद्र बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया है और परिवार के तीन सदस्यों ने पड़ोसी के घर में शरण ली है। कलढूंगा निवासी नवीन चंद्र पुत्र पूर्णानंद का मकान ध्वस्त हो गया है। पीड़ति परिवार ने भाई के घर में शरण ली है। बटलागांव में जगदीश चंद्र पुत्र हरीकृष्ण का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है।

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पेयजल लाइन बही

अतिवृष्टि से कपकोट के शामा ग्राम समूह पेयजल योजना लीती और रीठकुला के बीच पत्थरखानी, तंगर गधेरे में आई बाढ़ में बह गई है। आठ एमएम के दस पाइप क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कांडा-सानीउडियार पेयजल योजना भी क्षतिग्रस्त हो गई है।

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यह सड़कें आवागमन के लिए बंद

सुमगड़ बास्ती, कपकोट-शामा-तेजम, शामा-लीती, कपकोट-पिडारी ग्लेशियर, कंधार-रौल्याना-मजकाकेट, कपकोट-लीली, बघर, रिखाड़ी-बाछम, खड़लेख-भनार, रौल्याना-लोहागढ़ी, बागेश्वर-कांडाधार आदि सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आने से बंद हो गईं हैं।

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बारिश का आंकड़ा

बागेश्वर-30एमएम, गरुड़-20एएम, कपकोट-35 एमएम।

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नदियों का जलस्तर

सरयू- 867.40 मीटर, गोमती-864.05 मीटर, बैजनाथ बैराज-1112.20 मीटर।

-वर्जन-

भारत मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून से जारी पूर्वानुमान के अनुसार उत्तराखंड में कहीं-कहीं विशेषकर कुमाऊं में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। आपदा कंट्रोल रूम को अलर्ट कर दिया गया है। अधिकारी-कर्मचारियों को तैनाती स्थल पर डटे रहने के निर्देश दिए गए हैं।

-रंजना राजगुरु डीएम, बागेश्वर।


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